गिरिडीह: जैन धर्म के विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में पारसनाथ पर्वत की तलहटी पर बसे कोरिया गांव की एक गरीब दृष्टिबाधित महिला के निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास पर व एक अन्य गरीब महिला के पीएम आवास पर वन विभाग द्वारा बुलडोजर चलाये जाने का मामला पूरी तरह से गर्म हो चुका है. वन विभाग के इस कार्रवाई के बाद मधुबन के लोगों का जुटान दृष्टिबाधित महिला बुधनी कुमारी के घर के समीप हुआ. सभी ने इस कार्रवाई की निंदा की. साथ ही बगैर नोटिस के इस तरह की कार्रवाई करनेवाले कर्मियों पर कार्रवाई की मांग रखी. वहीं सदर विधायक सुदिव्य कुमार भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी लेते हुए गरीब महिला के प्रति संवेदना प्रकट किया और उचित सहयोग का भरोसा भी दिया. इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी ईटीवी भारत के संवाददाता ने भी ली.
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गरीब से पहले अमीर संस्थावालों पर हो कार्रवाई: शुक्रवार की इस घटना के बाद शनिवार को स्थानीय निर्मल तुरी के अलावा अमर तुरी, मजदूर नेता द्वारिका महतो, अजित राय, अम्बिका राय, महावीर मुर्मू, नीलकंठ महतो, थानुराम महतो, बिरजू मरांडी, अमित चन्द्रवंशी, युवराज महतो, शम्भू सिंह समेत कई लोग पहुंचे. सभी ने इस कार्रवाई की निन्दा की. उन्होंने कहा कि कोई भी कार्रवाई से पहले वन विभाग को नोटिस देना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यह भी बताया कि इस मधबुन में कई जैन संस्था ने वन भूमि का न सिर्फ अतिक्रमण किया बल्कि महीनों तक निर्माण कार्य भी करते रहे, परन्तु वन विभाग खामोश रहा. वहीं जिस कोरिया बस्ती में दर्जनों परिवार पिछले 8-10 दशक से रह रहे हैं, उस बस्ती के लोगों पर बुलडोजर चला दिया जा रहा है.
20 पंथी के इशारे पर की गई कार्यवाई: यह भी बताया कि शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान एक गरीब वर्णवाल परिवार के घर को भी तोड़ा गया और उसके बेटे को वन विभाग के कर्मी पकड़ कर 20 पंथी कोठी ले गए इस दौरान वन कर्मियों ने दोनों लड़कों से सफेद कागज पर दस्तखत भी करवाया. लोगों का कहना था कि एक तरफ 20 पंथी कोठी व वन विभाग के बीच भूमि को लेकर न्यायालय में मुकदमा चलता है. दूसरी तरफ उसी 20 पंथी कोठी के मैनेजर के इशारे पर गरीब पर जुल्म ढाया जा रहा है. ग्रामीणों ने साफ कहा कि मनोज जैन नामक मैनेजर ने ही लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवाया है.
मनोज जैन ने आरोप को बताया गलत: मनोज जैन ने बुलडोजर चलवाने व धमकी देने के आरोप को गलत बताया है. इनका कहना है कि कोरिया में कई निर्माण हुए हैं, लेकिन उसने कभी किसी को धमकी देने का काम नहीं किया है. उन्होने कहा कि वह तो 20 पंथी कोठी का मुलाजिम है, वह कोई निर्णय नहीं ले सकता.
विधायक ने पीड़ित परिवार का किया सहयोग, कहा- न्यायसंगत कार्य करें अधिकारी: दूसरी तरफ मौके पर विधायक सुदिव्य कुमार के साथ डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, सीओ विनय प्रकाश तिग्गा, बीडीओ दिनेश कुमार व वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे. यहां विधायक ने पीड़ित दृष्टिबाधित महिला बुधनी देवी से पूरी जानकारी ली और पहले पार्टी की तरफ से 15-15 हजार का सहयोग देने की घोषणा की. वहीं वन विभाग के अधिकारियों को साफ कहा कि कोई भी कार्रवाई न्यायसंगत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस जमीन का मामला न्यायालय में लम्बित है. ऐसें में किसी भी तरह की कार्रवाई कोर्ट के आदेश से पहले नहीं किया की सकती. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कार्रवाई से पहले यह देखना जरूरी है कि जिस निर्माण को तोड़ा जा रहा है वह कहीं भूमिहीन तो नहीं. यदि पीड़ित भूमिहीन है तो अंचलाधिकारी से बातकर उसे जीएम लैंड पर भूमि दिलवाकर ही कोई कार्रवाई हो. उन्होंने इस दौरान स्थानीय एसडीएम, बीडीओ व सीओ को भी दिव्यांग महिला को आवश्यक मदद करने व टूटे मकान को बनवाने का निर्देश दिया. यहां के बाद जिला में भी दिशा की बैठक में विधायक ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले नोटिस जरूरी है और सभी बिदुओं पर ध्यान देना जरूरी है.
वन अधिकारी ने कही जांच की बात: इसी तरह मौके पर पहुंचे वन अधिकारी ने कहा कि वे इस पूरे मामले की जांच करेंगे. यह भी कहा कि लड़कों की पिटाई करने व संस्था के परिसर में वन अधिकारी के बैठने के मामले की भी जांच होगी. हालांकि अन्य संस्थाओं द्वारा अतिक्रमित की गई जमीन पर वे गोलमोल जवाब देकर चुप्पी साध ली.