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घर को संवारने में जुटी तिल तिल कर मर रही थी गिरिडीह की जैबुन, परिजनों ने बताई दुख भरी कहानी

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 11, 2023, 1:17 PM IST

कैसे लोन के चक्कर में गरीब महिलाएं फंस रही हैं. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन के मकड़जाल में फंसती चली जा रही हैं. लोन के मकड़जाल से निकलने की कोई सूरत नजर नहीं आने पर गिरिडीह के बेंगाबाद में महिला ने खुदकुशी कर ली. reason for Jaibun suicide

Giridih Jaibun surrounded by debt Inside Story
गिरिडीह के जैबुन की सुसाइड स्टोरी
घर को संवारने में जुटी तिल तिल कर मर रही थी गिरिडीह की जैबुन

गिरीडीह: ये कहानी है एक ऐसी महिला की है जिसका पति बेरोजगार है. तीन बच्चे हैं और घर की माली हालत बेहद खराब है. महिला अपने घर को चलाने के लिए, बच्चों को पालने के लिए, इतना ही नहीं पति को पालने के लिए जद्दोजहद करती रहती है. कभी मजदूरी करती तो कभी चरवाहा बन जाती. सारी परेशानियों को झेलते हुए बेंगाबाद की जैबुन खातून जिंदगी की जंग लड़ रही थी.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह में आत्महत्या: महिला ने दी जान, परिजनों का आरोप- लोन का तगादा सह नहीं सकी जैबून खातून

मकड़जाल से निकलने के लिए चुना मौत का रास्ता: अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने लोन का सहारा लिया. लोन लेकर वह अपने घर गृहस्थी को संभालने में जुटी हुई थी. घर की स्थिति को सुधारने और बदलने के लिए वह एक के बाद एक लोन लेती चली गई. वह एक लोन को तोड़ने के लिए दूसरा लोन लेती चली गई और घर को संभालते संभालते खुद डगमगा गई. आखिर संभालती भी कब तक. आखिरकार लोन के मकड़जाल से निकलने के लिए उसने मौत का रास्ता चुन लिया.

मेहनत मजदूरी कर पाल रही थी परिवार: घटना जिला के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खंडोली की है. खंडोली के रहने वाले बबलू अंसारी की पत्नी जैबुन पर लोन का कर्ज था. वह अपनी दो बेटियों, एक बेटा और पति को पालने के लिए ससुर के साथ मिलकर मेहनत मजदूरी करती थी. उसने भारत माइक्रो फाइनेंस, आईडीएफसी प्राइवेट बैंक समेत अन्य संस्थाओं से लोन लिया हुआ था. धीरे-धीरे उसके ऊपर लोन का कर्ज बढ़ता गया और वह लोन का किस्त अदा कर पाने में सफल नहीं हो पाई. लोन देने वाली संस्थाएं लगातर उसके ऊपर लोन के किस्त देने का दबाव बना रही थी.

रिकवरीवालों पर प्रताड़ना का आरोप: बताया जाता है कि विगत 5 अक्टूबर को एक लोन रिकवरी एजेंट ने किस्त नहीं दे पाने पर जैबुन का मोबाइल ले लिया था. उसने बकरी बेच कर लोन की किस्त दी तो उसे मोबाइल वापस दिया गया. जैबुन के भाई गांडेय थाना क्षेत्र के मंडरडीह के रहने वाले मकसूद अंसारी एवं उसके अन्य परिजनों ने पुलिस के समक्ष बताया कि लोन की किस्त अदा नहीं कर पाने से वह काफी परेशान थी. बार बार फाइनेंसकर्मियों द्वारा तगादा किया जा रहा था. परिजनों का आरोप है कि लोन वसूली करने वालों की प्रताड़ना वह सहन नहीं कर पाई और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. इधर इस संबंध में जानकारी लेने के लिए लोन देने वाली संस्थाओं से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया. मामले को लेकर आईडीएफसी के शाखा प्रबंधक दीपक कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से परहेज किया.

चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल: घटना के संबंध में बताया गया कि जुबैन ने आत्महत्या की कोशिश की थी. परिजन आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले कर गए. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. जिसके बाद सदर अस्पताल में नगर थाना पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया गया और परिजनों को सौंप दिया गया.

प्रशासन से उचित पहल की मांग: पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को उसका शव जब घर लाया गया तो परिजनों एवं बच्चों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो उठा. घटना के संबंध में दुःख प्रकट करते हुए कर्णपुरा पंचायत के पूर्व पंसस हमीद अंसारी ने कहा कि घटना बेहद दुखद है. उन्होंने प्रशासन से उचित पहल करने की मांग की है.

घर को संवारने में जुटी तिल तिल कर मर रही थी गिरिडीह की जैबुन

गिरीडीह: ये कहानी है एक ऐसी महिला की है जिसका पति बेरोजगार है. तीन बच्चे हैं और घर की माली हालत बेहद खराब है. महिला अपने घर को चलाने के लिए, बच्चों को पालने के लिए, इतना ही नहीं पति को पालने के लिए जद्दोजहद करती रहती है. कभी मजदूरी करती तो कभी चरवाहा बन जाती. सारी परेशानियों को झेलते हुए बेंगाबाद की जैबुन खातून जिंदगी की जंग लड़ रही थी.

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मकड़जाल से निकलने के लिए चुना मौत का रास्ता: अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने लोन का सहारा लिया. लोन लेकर वह अपने घर गृहस्थी को संभालने में जुटी हुई थी. घर की स्थिति को सुधारने और बदलने के लिए वह एक के बाद एक लोन लेती चली गई. वह एक लोन को तोड़ने के लिए दूसरा लोन लेती चली गई और घर को संभालते संभालते खुद डगमगा गई. आखिर संभालती भी कब तक. आखिरकार लोन के मकड़जाल से निकलने के लिए उसने मौत का रास्ता चुन लिया.

मेहनत मजदूरी कर पाल रही थी परिवार: घटना जिला के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खंडोली की है. खंडोली के रहने वाले बबलू अंसारी की पत्नी जैबुन पर लोन का कर्ज था. वह अपनी दो बेटियों, एक बेटा और पति को पालने के लिए ससुर के साथ मिलकर मेहनत मजदूरी करती थी. उसने भारत माइक्रो फाइनेंस, आईडीएफसी प्राइवेट बैंक समेत अन्य संस्थाओं से लोन लिया हुआ था. धीरे-धीरे उसके ऊपर लोन का कर्ज बढ़ता गया और वह लोन का किस्त अदा कर पाने में सफल नहीं हो पाई. लोन देने वाली संस्थाएं लगातर उसके ऊपर लोन के किस्त देने का दबाव बना रही थी.

रिकवरीवालों पर प्रताड़ना का आरोप: बताया जाता है कि विगत 5 अक्टूबर को एक लोन रिकवरी एजेंट ने किस्त नहीं दे पाने पर जैबुन का मोबाइल ले लिया था. उसने बकरी बेच कर लोन की किस्त दी तो उसे मोबाइल वापस दिया गया. जैबुन के भाई गांडेय थाना क्षेत्र के मंडरडीह के रहने वाले मकसूद अंसारी एवं उसके अन्य परिजनों ने पुलिस के समक्ष बताया कि लोन की किस्त अदा नहीं कर पाने से वह काफी परेशान थी. बार बार फाइनेंसकर्मियों द्वारा तगादा किया जा रहा था. परिजनों का आरोप है कि लोन वसूली करने वालों की प्रताड़ना वह सहन नहीं कर पाई और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. इधर इस संबंध में जानकारी लेने के लिए लोन देने वाली संस्थाओं से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया. मामले को लेकर आईडीएफसी के शाखा प्रबंधक दीपक कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से परहेज किया.

चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल: घटना के संबंध में बताया गया कि जुबैन ने आत्महत्या की कोशिश की थी. परिजन आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले कर गए. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. जिसके बाद सदर अस्पताल में नगर थाना पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया गया और परिजनों को सौंप दिया गया.

प्रशासन से उचित पहल की मांग: पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को उसका शव जब घर लाया गया तो परिजनों एवं बच्चों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो उठा. घटना के संबंध में दुःख प्रकट करते हुए कर्णपुरा पंचायत के पूर्व पंसस हमीद अंसारी ने कहा कि घटना बेहद दुखद है. उन्होंने प्रशासन से उचित पहल करने की मांग की है.

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