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Ram Rajya Pujnotsav: झारखंड का इकलौता राम राज्य पूजनोत्सव, जानिए कहां और कैसा होता है आयोजन

गिरिडीह जिला में बगोदर के चौथा गांव में झारखंड का इकलौते राम राज्य पूजनोत्सव मनाया जाता है. चैत्र पूर्णिमा में राम राज्य पूजनोत्सव सह मेला का आयोजन होता है. जिसमें दूर-दराज के इलाके से भक्त आते हैं. इस मौके पर भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है.

Ram Rajya Pujnotsav Mela at Bagodar in Giridih
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Published : Apr 7, 2023, 10:43 AM IST

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गिरिडीहः बगोदर विधानसभा क्षेत्र के चौथा गांव में राम राज्य पूजनोत्सव की धूम है. मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम, माता सीता सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर आराधना की जा रही है. झारखंड का चौथा गांव एक ऐसा इकलौता गांव है, जहां 1952 से राम राज्य पूजनोत्सव का आयोजन होता आ रहा है. इस मौके पर यहां मेला भी लगा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- The Radh Mahaotsav: गिरिडीह में 'द राढ़ महोत्सव' का आयोजन, नामचीन कलाकारों ने बिखेरी सतरंगी छटा

बगोदर का बिष्णुगढ़ प्रखंड के चौथा गांव एक ऐसा गांव है, जहां झारखंड में इकलौता राम राज्य पूजनोत्सव सह मेला का आयोजन होता है. यहां 1952 से चैत्र पूर्णिमा में राम राज्य पूजनोत्सव सह मेला का आयोजन होता आ रहा है. मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम, सीता माता सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर पूजनोत्सव की जाती है. इस बार भी 5 अप्रैल को अधिवास पूजा के साथ राम राज्य पूजनोत्सव शुरु हो गया है. दूसरे दिन 6 अप्रैल को रात्रि में पूजा कमेटी के द्वारा भक्ति जागरण, झांकी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पूरी रात चला.

इस पूजनोत्सव में पहुंचे पूर्व विधायक नागेंद्र महतो, जिप उपाध्यक्ष छोटेलाल यादव, जिप सदस्य शेख तैयब, मुखिया सुमिता देवी आदि के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान अतिथियों का स्वागत भी किया गया.

मेला में झुलों का लुत्फ उठा रहे बच्चेः राम राज्य पूजनोत्सव के मौके पर यहां मेला लगा हुआ है. मेला में बगोदर और बिष्णुगढ़ प्रखंड के श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. उनके द्वारा मर्यादा पुरूषोत्तम के सामने मत्था टेककर पूजा अर्चना की जा रही है. इसके बाद मेला में सजे तरह के झुलों का लुत्फ उनके द्वारा उठाया जा रहा है. शुक्रवार को मुख्य मेला का आयोजन हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी उमड़ने के आसार हैं.

महामारी से बचाव के लिए शुरू की गई थी पूजनोत्सवः पूजा कमिटी के उप कोषाध्यक्ष नारायण मिश्र बताते हैं कि 1952 के समय में गांव में महामारी का प्रकोप था. बड़ी संख्या में ग्रामीण महामारी की चपेट में आ रहे थे, इससे गांव की स्थिति भयावह बन हुई थी. महामारी से बचाव की कामना के लिए यहां राम राज्य पूजनोत्सव का शुभारंभ हुआ. उसके बाद से अब तक गांव में महामारी का प्रकोप नहीं देखा गया. उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में लकड़ी का घेरा बनाकर और प्रतिमा स्थापित कर पूजनोत्सव की जाती थी. इसके बाद मंदिर बना और धीरे-धीरे पूजनोत्सव का विस्तार हुआ. अब यहां मेला आयोजन किया जाता है, जिसमें भारी संख्या में भक्त आते हैं.

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गिरिडीहः बगोदर विधानसभा क्षेत्र के चौथा गांव में राम राज्य पूजनोत्सव की धूम है. मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम, माता सीता सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर आराधना की जा रही है. झारखंड का चौथा गांव एक ऐसा इकलौता गांव है, जहां 1952 से राम राज्य पूजनोत्सव का आयोजन होता आ रहा है. इस मौके पर यहां मेला भी लगा हुआ है.

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बगोदर का बिष्णुगढ़ प्रखंड के चौथा गांव एक ऐसा गांव है, जहां झारखंड में इकलौता राम राज्य पूजनोत्सव सह मेला का आयोजन होता है. यहां 1952 से चैत्र पूर्णिमा में राम राज्य पूजनोत्सव सह मेला का आयोजन होता आ रहा है. मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम, सीता माता सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर पूजनोत्सव की जाती है. इस बार भी 5 अप्रैल को अधिवास पूजा के साथ राम राज्य पूजनोत्सव शुरु हो गया है. दूसरे दिन 6 अप्रैल को रात्रि में पूजा कमेटी के द्वारा भक्ति जागरण, झांकी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पूरी रात चला.

इस पूजनोत्सव में पहुंचे पूर्व विधायक नागेंद्र महतो, जिप उपाध्यक्ष छोटेलाल यादव, जिप सदस्य शेख तैयब, मुखिया सुमिता देवी आदि के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान अतिथियों का स्वागत भी किया गया.

मेला में झुलों का लुत्फ उठा रहे बच्चेः राम राज्य पूजनोत्सव के मौके पर यहां मेला लगा हुआ है. मेला में बगोदर और बिष्णुगढ़ प्रखंड के श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. उनके द्वारा मर्यादा पुरूषोत्तम के सामने मत्था टेककर पूजा अर्चना की जा रही है. इसके बाद मेला में सजे तरह के झुलों का लुत्फ उनके द्वारा उठाया जा रहा है. शुक्रवार को मुख्य मेला का आयोजन हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी उमड़ने के आसार हैं.

महामारी से बचाव के लिए शुरू की गई थी पूजनोत्सवः पूजा कमिटी के उप कोषाध्यक्ष नारायण मिश्र बताते हैं कि 1952 के समय में गांव में महामारी का प्रकोप था. बड़ी संख्या में ग्रामीण महामारी की चपेट में आ रहे थे, इससे गांव की स्थिति भयावह बन हुई थी. महामारी से बचाव की कामना के लिए यहां राम राज्य पूजनोत्सव का शुभारंभ हुआ. उसके बाद से अब तक गांव में महामारी का प्रकोप नहीं देखा गया. उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में लकड़ी का घेरा बनाकर और प्रतिमा स्थापित कर पूजनोत्सव की जाती थी. इसके बाद मंदिर बना और धीरे-धीरे पूजनोत्सव का विस्तार हुआ. अब यहां मेला आयोजन किया जाता है, जिसमें भारी संख्या में भक्त आते हैं.

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