गिरिडीहः कबरीबाद खदान से कोयला उत्पादन शुरू होने से गिरिडीह कोलियरी के हालात में जल्द ही सुधार हो सकता है. लंबे समय के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय दिल्ली ने कबरीबाद का टर्म्स ऑफ रेफरेन्स (टोर) निर्गत कर दिया है. टोर न रहने के कारण पिछले तीन साल से झारखंड पर्यवारण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कबरीबाद का कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) नहीं दिया जा रहा था.
टोर के आधार पर अब सीटीओ निर्गत होगा. इसके बाद कबरीबाद से कोयला उत्पादन शुरू होगा. टोर निर्गत होने के बाद घाटे में चल रही गिरिडीह कोलियरी में एक उम्मीद जगी है. उम्मीद है कि जल्द ही सीटीओ मिलेगा. सीटीओ को लेकर स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार ने भी प्रयास शुरू कर दिया है.
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वर्ष 2018 से इस माइंस से कोयला का उत्पादन नहीं हो रहा है. इससे गिरिडीह कोलियरी का घाटा लगातार बढ़ता गया है. रोड सेल भी प्रभावित रहा. इससे ट्रक मालिक, लोकल सेल मजदूर, ड्राइवर-खलासी समेत इस क्षेत्र के छोटे बड़े लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी.
सांसद-विधायक ने किया था प्रयास
बता दें कि टोर को लेकर गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी व गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू दिल्ली भी गए थे. सांसद विधायक ने इस मामले में कोल मंत्रालय व पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी. इसके अलावा जीएम मनोज अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी भी लगातार प्रयास कर रहे थे.