गिरिडीहः जिला के देवरी में नवजात की मौत के बाद से लोगों का गुस्सा देखा जा रहा है. राजनीतिक दल के लोग भी भी खासे नाराज नजर आ रहे हैं. माले ने तो सड़क पर उतर कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं इसको लेकर जिला कांग्रेस भी काफी मुखर नजर आ रही है.
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गिरिडीह जिला में देवरी के कोशोगोंदोंदिघी गांव में एक नवजात की मौत, पुलिसकर्मियों पर नवजात को पैर तले कुचलने के आरोप के बाद से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग लगातार उठ रही है. राजनीतिक दल से जुड़े लोग भी इस मांग को बुलंद किये हुए हैं. भाकपा माले, झामुमो, भाजपा, कांग्रेस सभी दलों के नेता इसपर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. भाकपा माले नेता राजकुमार यादव के नेतृत्व में तो लोगों ने प्रतिवाद मार्च भी निकाला. इस मार्च में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. वहीं झामुमो स्थानीय कमिटी के लोग पहले दिन से अपना विरोध जता रहे हैं. भाजपा के नेताओं ने मृतक बच्चे के परिजनों से मुलाकात कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी रखी है जबकि कांग्रेस भी इसे लेकर प्रशासन से नाराज है.
माले नेता ने की 302 मुकदमा दर्ज करने की मांगः अपने प्रतिवाद मार्च के दौरान भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने साफ कहा कि पुलिस के बूट से बच्चे की हुई मौत मामले में तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. हत्या की प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो 30 मार्च के बाद देवरी प्रखंड को बंद करवाया जाएगा. इससे भी बात नहीं बनी तो गिरिडीह जिला को बंद करवाया जाएगा.
सांसद-विधायक पर निशानाः माले नेता राजकुमार ने क्षेत्र की सांसद अन्नपूर्णा देवी और विधायक केदार हाजरा पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बच्चे की मौत के बाद बगोदर से भाकपा माले विधायक ने इस विषय को विधानसभा में उठाया लेकिन स्थानीय भाजपा विधायक ने एक शब्द भी नहीं कहा. क्षेत्र की सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री भी है लेकिन उन्होंने भी किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया.
दोषी पुलिसकर्मियों की हो गिरफ्तारी- कांग्रेसः इस कांड को लेकर कांग्रेस भी आगबबूला है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया ने तो दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि गिरिडीह पुलिस बर्बर हो चुकी है, कभी जीटी रोड पर ग्रामीणों को पीटा जाता है तो कभी बिरनी के जरीडीह में. देवरी में तो लापरवाही की हद पार करते हुए बच्चे को बूट से कुचल दिया गया. इस घटना के बाद पुलिसकर्मी तो निलबिंत हुए लेकिन सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा, इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को हर हाल में गिरफ्तार करना पड़ेगा.