गिरिडीह: जिले के जमुआ थाना इलाके के सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण को रोकने पहुंची पुलिस से ग्रामीण भिड़ गए. इस दौरान प्रशासन के वाहनों का शीशा तोड़ दिया गया और पुलिस पर पथराव किया गया. इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए है, जबकि 6 से अधिक ग्रामीण भी चोटिल हुए हैं.
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि गिरिडीह के गम्हारडीह गांव में सरकारी जमीन पर कुछ ग्रामीणों की ओर से धार्मिक स्थल का निर्माण कराया जा रहा है. इसे लेकर एक ही समुदाय के दो पक्ष भिड़ने को आतुर थे. स्थिति को देखते हुए खोरीमहुआ एसडीएम ने विवादित जमीन पर 144 ( निषेधाज्ञा) लागू कर दिया. इसके बावजूद शुक्रवार को निर्माण कार्य किया जाने लगा. इसकी जानकारी मिलने के बाद जमुआ सीओ राम बालक कुमार के साथ पुलिस अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. प्रशासन ने निर्माण कार्य को रोका तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए.
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पुलिस टीम पर पथराव
ग्रामीणों का कहना है कि जब वन भूमि पर मुखिया निर्माण कार्य कर सकता है तो ग्रामीण सार्वजनिक धार्मिक स्थल का निर्माण क्यों नहीं कर सकते. इसी दौरान बात बढ़ गयी और ग्रामीण और प्रशासन आपस में ही भिड़ गए. इस मामले पर खोरी महुआ के एसडीपीओ नवीन कुमार सिंह ने कहा कि जमीन पर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद ग्रामीणों की ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा था. रोकने गयी पुलिस टीम पर पथराव किया गया. वाहनों का शीशा तोड़ दिया गया. कई जवान चोटिल हैं. इस मामले में दोषियों को चिन्हित करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है.
क्या कहते हैं एसडीएम
खोरीमहुआ एसडीएम धीरेंद्र सिंह ने कहा कि गम्हारडीह गांव के वन भूमि पर कुछ ग्रामीण मंदिर बनाने को लेकर अड़े हुए थे. विवाद को देखते हुवे जमीन पर 144 की धारा लागू कर विवादित जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं करने की हिदायत दी गई थी. इस बीच शुक्रवार को कुछ ग्रामीण बलपूर्वक वन भूमि की जमीन पर धार्मिक स्थल का निर्माण करने लगे. सूचना पाकर सीओ और पुलिस मौके पर पहुंची. इस बीच पथराव की घटना घटी है. मामले की जांच की जा रही है.