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बगैर उद्घाटन के चल रहा बगोदर ट्रॉमा सेंटर, कर्मचारियों के सामने भुखमरी की नौबत

गिरिडीह में बिना उद्घाटन किए बगोदर ट्रॉमा सेंटर का संचालन (Bagodar Trauma Center Operate Without Inauguration) किया जा रहा है. जिसमें पिछले चार-पांच महीनों से 40 स्वास्थ्य कर्मी काम कर रहे है. उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए वेतन देने की बात हुई थी लेकिन अब तक वेतन नहीं दिया गया (Bagodar Trauma Center Health Worker Demand Salary) है. स्वास्थ्य कर्मी बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं.

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Published : Dec 26, 2022, 12:09 PM IST

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गिरिडीह: बगोदर ट्रॉमा सेंटर की कहानी कुछ अजीब है. एक ओर इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ है वहीं दूसरी ओर इसका संचालन (Bagodar Trauma Center Operate Without Inauguration) भी हो रहा है. ट्रॉमा सेंटर का संचालन भी जैसे- तैसे हो रहा है. ट्रॉमा सेंटर के लिए अब तक अलग से किसी भी तरह की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. इतना जरूर है कि पांच महीने से यहां आउटसोर्सिंग पर 40 की संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी बहाल हैं. उनसे काम तो कराया जा रहा है लेकिन वेतन नहीं दिया (Bagodar Trauma Center Health Worker Demand Salary) जा रहा है.

यह भी पढ़ें: झारखंड कांग्रेस में नहीं थम रहा अंतर्कलह, प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ खोल दिया है मोर्चा

कर्मचारी वेतन भुगतान की मांग कर रहे: इससे कर्मचारियों में नाराजगी है. कर्मचारियों ने कहा है कि भूखे पेट वह कब तक काम करेंगे. कर्मचारी वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को कांट्रेक्टर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मचारियों के समक्ष भी भुखमरी की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि बगोदर सीएचसी में ही ट्रॉमा सेंटर का संचालन हो रहा है. स्वीकृति के बाद विगत 15 अगस्त को इसका उद्घाटन होना था. मगर अबतक उद्घाटन नहीं हो पाया है. बहरहाल उद्घाटन होना तो अलग बात है लेकिन जब कर्मचारियों को बहाल किया गया है और उनसे काम लिया जा रहा है, तब ऐसे में कॉन्ट्रेक्टर के द्वारा नियमित वेतन भुगतान नहीं किया जाना एक बड़ा सवाल है.


12 हजार रुपए वेतन देने की बात: ट्रॉमा सेंटर की कर्मचारी खुशबू बताती हैं कि बालाजी डिडेक्टिव पोर्स के अधीनस्थ सभी कर्मचारी बहाल किए गए हैं. अगस्त महीने में बहाली होने के बाद 18 कर्मचारियों को गिरिडीह में 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग भी जैसे- तैसे दी गई. ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी अब तक नहीं मिला है. कॉन्ट्रेक्टर से ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट और वेतन मांगने पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. बताया जाता है कि 12 हजार रुपए वेतन देने की बात हुई थी. 1-10 तारीख के बीच वेतन भुगतान की बात कही गई थी.

कर्मचारियों की नियुक्ति दो महीना पहले: तापेश्वरी कुमारी, रिंकू कुमारी, संगीता कुमारी, गुड़िया कुमारी, रेणू कुमारी, पिंकी कुमारी आदि को अबतक वेतन नहीं मिला है. इसमें कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति एक- दो महीना पहले हुई है. ट्रॉमा सेंटर के कर्मचारियों ने अविलंब वेतन भुगतान की मांग की है. इधर इस संबंध में बगोदर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनय कुमार ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन कर्मचारियों के द्वारा काम किया जा रहा है. उन्हें नियमित वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. कर्मचारियों के बीच वेतन का भुगतान कॉन्ट्रेक्टर को करना है.

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गिरिडीह: बगोदर ट्रॉमा सेंटर की कहानी कुछ अजीब है. एक ओर इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ है वहीं दूसरी ओर इसका संचालन (Bagodar Trauma Center Operate Without Inauguration) भी हो रहा है. ट्रॉमा सेंटर का संचालन भी जैसे- तैसे हो रहा है. ट्रॉमा सेंटर के लिए अब तक अलग से किसी भी तरह की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. इतना जरूर है कि पांच महीने से यहां आउटसोर्सिंग पर 40 की संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी बहाल हैं. उनसे काम तो कराया जा रहा है लेकिन वेतन नहीं दिया (Bagodar Trauma Center Health Worker Demand Salary) जा रहा है.

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कर्मचारी वेतन भुगतान की मांग कर रहे: इससे कर्मचारियों में नाराजगी है. कर्मचारियों ने कहा है कि भूखे पेट वह कब तक काम करेंगे. कर्मचारी वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को कांट्रेक्टर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मचारियों के समक्ष भी भुखमरी की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि बगोदर सीएचसी में ही ट्रॉमा सेंटर का संचालन हो रहा है. स्वीकृति के बाद विगत 15 अगस्त को इसका उद्घाटन होना था. मगर अबतक उद्घाटन नहीं हो पाया है. बहरहाल उद्घाटन होना तो अलग बात है लेकिन जब कर्मचारियों को बहाल किया गया है और उनसे काम लिया जा रहा है, तब ऐसे में कॉन्ट्रेक्टर के द्वारा नियमित वेतन भुगतान नहीं किया जाना एक बड़ा सवाल है.


12 हजार रुपए वेतन देने की बात: ट्रॉमा सेंटर की कर्मचारी खुशबू बताती हैं कि बालाजी डिडेक्टिव पोर्स के अधीनस्थ सभी कर्मचारी बहाल किए गए हैं. अगस्त महीने में बहाली होने के बाद 18 कर्मचारियों को गिरिडीह में 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग भी जैसे- तैसे दी गई. ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी अब तक नहीं मिला है. कॉन्ट्रेक्टर से ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट और वेतन मांगने पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. बताया जाता है कि 12 हजार रुपए वेतन देने की बात हुई थी. 1-10 तारीख के बीच वेतन भुगतान की बात कही गई थी.

कर्मचारियों की नियुक्ति दो महीना पहले: तापेश्वरी कुमारी, रिंकू कुमारी, संगीता कुमारी, गुड़िया कुमारी, रेणू कुमारी, पिंकी कुमारी आदि को अबतक वेतन नहीं मिला है. इसमें कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति एक- दो महीना पहले हुई है. ट्रॉमा सेंटर के कर्मचारियों ने अविलंब वेतन भुगतान की मांग की है. इधर इस संबंध में बगोदर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनय कुमार ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन कर्मचारियों के द्वारा काम किया जा रहा है. उन्हें नियमित वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. कर्मचारियों के बीच वेतन का भुगतान कॉन्ट्रेक्टर को करना है.

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