गिरिडीहः लंबी समय के बाद नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. नक्सलियों ने जिले के पीरटांड प्रखंड इलाके में पोस्टरबाजी कर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. पोस्टरबाजी हरलाडीह और चिरकी के इलाके में की गई है.
संभवतः मंगलवार की देर रात को पोस्टर चिपकाया गया, जिसे अहले सुबह पुलिस द्वारा उखाड़ दिया गया है. पोस्टर में पुलिसिया जुल्म-अत्याचार को मुंहतोड़ जवाब देने की बात लिखी गई है. इसके अलावा कई तरह की बातें लिखी गई हैं. यहां बता दें कि आगामी 22 दिसंबर को नक्सलियों द्वारा बंद की घोषणा की गई है. इस पोस्टरबाजी को इसी बंदी की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. इधर पोस्टर चिपकाने की सूचना के बाद से जिले के पुलिस कप्तान दीपक कुमार शर्मा के निर्देश पर क्षेत्र में सर्च अभियान को तेज कर दिया गया है.
गौरतलब है कि गिरिडीह का पीरटांड और पारसनाथ की तराई वाला इलाका नक्सलियों के सुरक्षित ठिकाना रहा है. यहां नक्सलियों की चहल कदमी रहती है. हालांकि पिछले कुछ वर्ष से पुलिस की कार्रवाई और हाल के दिनों में एसपी दीपक के नेतृत्व में नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किए जाने के बाद से नक्सली बैकफुट पर रहे हैं.
मिसिर - अनल का है इलाकाः यहां यह भी बता दें कि पीरटांड प्रखंड भाकपा मावोवादी के बड़े नेता और एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा, अनल ऊर्फ पतिराम मांझी का गृह क्षेत्र है. इस इलाके से सटे हुए क्षेत्र में विवेक का भी घर है. जबकि अजय महतो समेत आधा दर्जन से अधिक मोस्ट वांटेड नक्सली का भी इसी क्षेत्र में मकान है.
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