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गिरिडीह में नक्सली संगठन PLFI के नाम पर शिक्षक वसूल रहा था लेवी, पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह पुलिस ने एक ऐसे शिक्षक को गिरफ्तार किया है जो नक्सली संगठन के नाम पर लेवी वसूलने का काम करता था. शिक्षक पीएलएफआई नामक नक्सली संगठन की धौंस जमाकर रंगदारी करता था लेकिन पुलिस ने उसे धर दबोचा.

गिरिडीह
गदारी और लेवी वसूलने वाला शिक्षक गिरफ्तार
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Published : Mar 31, 2021, 9:32 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 8:02 AM IST

गिरिडीहः नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया ( पीएलएफआई) के नाम पर रंगदारी और लेवी वसूलने का काम जिले में खूब चल रहा था. यहां भी एक व्यक्ति पीएलएफआई के नाम पर लोगों को धमकी भरा पत्र और पोस्टर भेजा करता और रंगदारी की मांग करता था. लेवी वसूलने का काम आरोपी ने पहले भी किया था लेकिन इस बार पुलिस के बिछाए जाल में आरोपी जा फंसा.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंःगिरिडीहः विस्फोट कांड का मुख्य आरोपी पूना महतो गिरफ्तार, पूछताछ के बाद भेजा गया जेल

गिरिडीह जिले के गांडेय थाना पुलिस ने कथित नक्सली को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी गांडेय थाना इलाके के केंदुआटांड निवासी बरनार्ड हांसदा है. उसके पास से दो मोबाइल फोन, लाल स्याही से लिखा हुआ धमकी भरा पोस्टर, लाल स्याही वाला मार्कर पेन और दो लाख रुपये की जगह पीले पॉलीथीन में भरा कागज का टुकड़ा बरामद किया गया है. इस गिरफ्तारी की जानकारी एसपी अमित रेणू ने दी.

क्या है मामला
दरअसल सरकारीकर्मी अविनाश अल्फ्रेड मरांडी से पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगी जा रही थी. अविनाश को एक वर्ष पहले भी इसी संगठन के नाम पर धमकी मिल चुकी थी. इस बार 9-10 मार्च को भी धमकी भरा पत्र मिला था, जिसमें रंगदारी की मांग की गई थी. इसे लेकर अविनाश ने गांडेय थाना में कांड संख्या 15/21 दर्ज करवाया था.

पुलिस ने किया ट्रैप

मामला नक्सली संगठन से जुड़ा दिख रहा था तो एसपी अमित रेणू ने इसे काफी गंभीरता से लिया और क्षेत्र के एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के साथ साथ पुलिस इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर को विशेष टास्क दिया. पुलिस हर हाल में चिट्ठी भेजने वाले कथित नक्सली को रंगे हाथ पकड़ना चाहती थी. चूंकि आरोपी वर्ष 2020 में भी अविनाश को धमकी भरा पत्र देकर 30 हजार की रंगदारी ले चुका था. हालांकि उस वक्त अविनाश ने कहीं पर शिकायत नहीं की थी. ऐसे में इस बार जब रंगदारी की मांग की गई तो पुलिस ने एफआईआर के बाद मामला को शांत होने दिया और एफआईआर की भनक भी किसी को नहीं लगने दी.

रंगे हाथ धराया

एफआईआर होने के बाद भी इसकी जानकारी किसी को नहीं मिली तो कथित नक्सली बरनार्ड को लगा कि अविनाश इस बार भी उसे पैसा दे देगा. अब बरनार्ड ने अविनाश से फिर संपर्क किया और उसे 30 मार्च 2021 की रात को 2 लाख रुपये आदिम जनजाति स्कूल के पास रखने को कहा. इस बार पुलिस ने अविनाश को नोट की जगह रद्दी कागज दिए और इस कागज को प्लास्टिक में लपेटकर उसी स्थान पर रखा गया, जहां पर बरनार्ड ने रुपया रखने को कहा था. रात लगभग 11:15 में बरनार्ड जैसे ही रुपयों से भरा प्लास्टिक का थैला लेने आया तो पुलिस ने उसे धर दबोचा. इसके बाद उससे पूछताछ हुई तो सारा राज खुल गया.

पेशे से शिक्षक है आरोपी
इधर पुलिस ने बताया कि नक्सली के नाम पर लेवी वसूलने वाला बरनार्ड पेशे से शिक्षक है. बरनार्ड इंग्लिश की कक्षा लेता है और उसी स्कूल में पढ़ता है जहां पर पहले वादी अविनाश पढ़ाता था. बुधवार को प्रेस वार्ता के बाद बरनार्ड को पुलिस ने जेल भेज दिया. इस दौरान एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर भी मौजूद थे.

गिरिडीहः नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया ( पीएलएफआई) के नाम पर रंगदारी और लेवी वसूलने का काम जिले में खूब चल रहा था. यहां भी एक व्यक्ति पीएलएफआई के नाम पर लोगों को धमकी भरा पत्र और पोस्टर भेजा करता और रंगदारी की मांग करता था. लेवी वसूलने का काम आरोपी ने पहले भी किया था लेकिन इस बार पुलिस के बिछाए जाल में आरोपी जा फंसा.

देखें वीडियो

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गिरिडीह जिले के गांडेय थाना पुलिस ने कथित नक्सली को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी गांडेय थाना इलाके के केंदुआटांड निवासी बरनार्ड हांसदा है. उसके पास से दो मोबाइल फोन, लाल स्याही से लिखा हुआ धमकी भरा पोस्टर, लाल स्याही वाला मार्कर पेन और दो लाख रुपये की जगह पीले पॉलीथीन में भरा कागज का टुकड़ा बरामद किया गया है. इस गिरफ्तारी की जानकारी एसपी अमित रेणू ने दी.

क्या है मामला
दरअसल सरकारीकर्मी अविनाश अल्फ्रेड मरांडी से पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगी जा रही थी. अविनाश को एक वर्ष पहले भी इसी संगठन के नाम पर धमकी मिल चुकी थी. इस बार 9-10 मार्च को भी धमकी भरा पत्र मिला था, जिसमें रंगदारी की मांग की गई थी. इसे लेकर अविनाश ने गांडेय थाना में कांड संख्या 15/21 दर्ज करवाया था.

पुलिस ने किया ट्रैप

मामला नक्सली संगठन से जुड़ा दिख रहा था तो एसपी अमित रेणू ने इसे काफी गंभीरता से लिया और क्षेत्र के एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के साथ साथ पुलिस इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर को विशेष टास्क दिया. पुलिस हर हाल में चिट्ठी भेजने वाले कथित नक्सली को रंगे हाथ पकड़ना चाहती थी. चूंकि आरोपी वर्ष 2020 में भी अविनाश को धमकी भरा पत्र देकर 30 हजार की रंगदारी ले चुका था. हालांकि उस वक्त अविनाश ने कहीं पर शिकायत नहीं की थी. ऐसे में इस बार जब रंगदारी की मांग की गई तो पुलिस ने एफआईआर के बाद मामला को शांत होने दिया और एफआईआर की भनक भी किसी को नहीं लगने दी.

रंगे हाथ धराया

एफआईआर होने के बाद भी इसकी जानकारी किसी को नहीं मिली तो कथित नक्सली बरनार्ड को लगा कि अविनाश इस बार भी उसे पैसा दे देगा. अब बरनार्ड ने अविनाश से फिर संपर्क किया और उसे 30 मार्च 2021 की रात को 2 लाख रुपये आदिम जनजाति स्कूल के पास रखने को कहा. इस बार पुलिस ने अविनाश को नोट की जगह रद्दी कागज दिए और इस कागज को प्लास्टिक में लपेटकर उसी स्थान पर रखा गया, जहां पर बरनार्ड ने रुपया रखने को कहा था. रात लगभग 11:15 में बरनार्ड जैसे ही रुपयों से भरा प्लास्टिक का थैला लेने आया तो पुलिस ने उसे धर दबोचा. इसके बाद उससे पूछताछ हुई तो सारा राज खुल गया.

पेशे से शिक्षक है आरोपी
इधर पुलिस ने बताया कि नक्सली के नाम पर लेवी वसूलने वाला बरनार्ड पेशे से शिक्षक है. बरनार्ड इंग्लिश की कक्षा लेता है और उसी स्कूल में पढ़ता है जहां पर पहले वादी अविनाश पढ़ाता था. बुधवार को प्रेस वार्ता के बाद बरनार्ड को पुलिस ने जेल भेज दिया. इस दौरान एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर भी मौजूद थे.

Last Updated : Apr 1, 2021, 8:02 AM IST
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