गिरिडीह: बिरनी थाना इलाके के एक गांव की नाबालिग संग दुष्कर्म, कुएं में फेंकने और बाद में मौत हो जाने के मामले का संज्ञान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया है. आयोग के अध्यक्ष के प्रधान सचिव धर्मेन्द्र भंडारी ने इस मामले को लेकर गिरिडीह के एसपी को नोटिस भेजा है. सीपीसीआर एक्ट 2005 के तहत भेजे गए नोटिस में एसपी से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. आयोग ने सत्यापित प्रथम सूचना रिपोर्ट, सत्यापित पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आरोपियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई के विवरण के अलावा इस प्रकरण से सम्बंधित अन्य जानकारी मांगी है.
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क्या है नोटिस में: नोटिस आयोग के अध्यक्ष के निर्देश पर जारी किया गया है. नोटिस में साफ कहा गया है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस प्रकरण कि जानकारी मिली है. आयोग ने सीपीसीआर अधिनियम 2005 की धारा 13 (1) (i) के अंतर्गत उपरोक्त विषय में स्वतः संज्ञान लिया है.
पीड़िता की पहचान गोपनीय रखने का निर्देश: नोटिस में साफ कहा गया है कि पीड़िता की पहचान गोपनीय रखते हुए तीन दिनों के अंदर पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. कहा गया है कि प्रकरण में वैधानिक कार्रवाई कर की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट दस्तावेजों सहित आयोग को 03 कार्यदिवस में प्रेषित करें.
क्या है मामला: सोमवार को बिरनी थाना इलाके के एक गांव की नाबालिग लड़की इसी थाना इलाके में कुएं से मिली थी. लड़की को कुएं से निकाला गया और उसके परिजनों को सौंपा गया. बाद में लड़की ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद परिजनों ने दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया. आरोप लगाया गया कि पहले लड़की को अगवा किया गया और बाद में दुष्कर्म करते हुए कुएं में फेंक दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले के लड़की की मां के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई. प्राथमिकी में थोरिया के मो कैफ को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है. जबकि इसी गांव के आशिक अंसारी और फारूक अंसारी को भी अभियुक्त बनाया गया. मामले में मो कैफ को जेल भेजा गया लेकिन आशिक व फारूक फरार हैं.