गिरिडीहः गावां की आरजूमन बानो की हत्या उसके पति मनीष बर्णवाल ने ठंढे दिमाग से काफी सोच विचार कर की थी. इस हत्याकांड को अंजाम देने में उसने न सिर्फ अपने दोस्त राजकमल से मदद ली बल्कि पूरी योजना तैयार करने में भी भरपूर सहयोग लिया. पुलिसिया पूछताछ में मनीष ने पूरी कहानी बताई है. पढ़िये कत्ल की पूरी कहानी आरोपी की जुबानी, जानिए हत्या की इनसाइड स्टोरी.
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पहले पति के भाई संग बात करना नहीं आया रासः मनीष ने पुलिस को यह बताया है कि शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन उसकी पत्नी लगातार अपने माता पिता के साथ बात करती और पहले पति के भाई संग भी बात करती थी. यह बात उसे पसंद नहीं थी, ऐसे में उसने आरजू को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया. उसने बताया कि वर्ष 2021 के दुर्गापूजा के समय ही वह अपनी पत्नी आरजू व बेटी को लेकर कार से गावां की तरफ गया. बग्धेडीह चौक पर आरजू ने फोन से अपनी मां से काफी देर तक बात की. इसके थोड़ी देर बाद मनीष कार से अपनी डेढ़ वर्ष की बेटी मुस्कान को लेकर नीचे उतरा. रात के लगभग 9 बज चुके थे मनीष ने अपनी पत्नी को कहा कि वह बेटी को खरगोश दिखा कर आता है.
आरजू मनीष की बातों को सुनकर मुस्करा दी और फिर से फोन पर अपनी मां से बात करने में व्यस्त हो गई. यहीं पर मनीष को मौका मिला और दुपट्टे से गला घोंटकर आरजू की हत्या कर दी. जिसके बाद शव को मालडा ले जाया गया और अपने जिगरी दोस्त राजकमल के घर के कमरे में लाश को दफना दिया और उसके बाद जमीन को सीमेंट से पक्का कर दिया. इस घटना के तीन माह बाद 21 जनवरी 2022 को वह पचम्बा थाना पहुंचा और यह शिकायत की कि उसकी उसकी पत्नी को भगा कर ले गया है.
पुलिसिया पूछताछ के दौरान बेटी को लेकर पहुंच जाता था थानाः खुद को लाचार और बेबस साबित करने के लिए थाना में लापता होने की शिकायत दर्ज करवाने के बाद शातिर मनीष आये दिन पचम्बा थाना पहुंचता था. यहां वह अपनी बेटी के साथ आता था और पुलिस के अधिकारी से बार बार यही कहता कि उसकी पत्नी का कुछ पता चला. वह पुलिस पदाधिकारी को अपनी बेटी दिखाता और यह भी कहता बिन मां के इस मासूम का बुरा हाल हो गया है. मनीष के इस नाटक पर थाना में पदस्थापित पुलिस अधिकारी समझ नहीं पा रहे थे.
डीएसपी ने जांच में मनीष पर किया था शकः ये पूरा केस किडनैपिंग से जुड़ा था ऐसे में डीएसपी संजय राणा ने भी अपने स्तर से अनुसंधान किया. अनुसंधान में मनीष के साथ साथ पचम्बा के जीडी बगेड़िया अस्पताल के समीप जिस मकान में बतौर किराएदार मनीष रह रहा था उसके मकान मालिक से भी पूछताछ की. दोनों से बात करने पर डीएसपी को मनीष पर शक होने लगा. इसका जिक्र उन्होंने अपने रिपोर्ट में भी किया और अनुसंधानकर्ता को यह निर्देश दिया कि आवेदक मनीष की भूमिका की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. यह भी कहा कि आवेदक ने जो बात कही है और मकान मालिक ने जो बात बताई है उसमें अंतर है.
मनीष पर रखी जाने लगी नजरः एक तरफ मनीष अपनी कथित अपहृत पत्नी की बरामदगी की मांग को लेकर थाना पहुंच रहा था. वहीं आरजूमन की मां और पिता इस बात पर अड़े थे कि मनीष ने ही उसकी बेटी की हत्या कर दी है. बुजुर्ग माता पिता की बातों में पुलिस को भी सच्चाई दिखने लगी. इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए एक सप्ताह पूर्व एसपी अमित रेणू ने विशेष टीम का गठन कर दिया. एएसपी हारिश बिन जमां, डीएसपी संजय राणा, इंस्पेक्टर आदिकान्त महतो, अनिल कुमार के साथ थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह व सहायक अवर निरीक्षक राजीव सिंह को टीम में शामिल किया गया. इस बार कांड का अनुसंधानकर्ता पचम्बा थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह को बनाया गया, जिसमें बारीकी से हर बात का अध्ययन किया गया.
पुलिस की सख्ती से टूटा मनीषः पुलिस ने नई लीड और शक के आधार पर नए अनुसंधानकर्ता मुकेश दयाल सिंह ने फिर से मनीष को थाना बुलाया. इस बार फिर से मनीष अपनी बेटी को लेकर थाना आ पहुंचा और कहने लगा उसकी बेटी की मां को खोज दीजिये. थानेदार ने उसे बेटी को घर में रखकर आने को कहा. थानेदार की सख्ती को देखकर मनीष सहम गया और वह पैरवी करवाने लगा. यहां पर पुलिस का शक यकीन में बदलने लगा. मनीष को किसी तरह थाना बुलाया गया. कई तरह की बातें मनीष से पूछी गई. विशेष टीम में शामिल अधिकारी भी पूछताछ करने लगे. इस पूछताछ में मनीष टूट गया और उसने आरजूमन की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली. लाश गाड़ने की बात भी मनीष ने पुलिस को बतायी. जिसके बाद गुरूवार की शाम को गावां थाना क्षेत्र के इंडियन बैंक, माल्डा के बगल में एक निर्माणाधीन घर से मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मानव कंकाल बरामद किया गया.
हत्या की प्राथमिकी दर्ज, जेल गया मनीषः मानव कंकाल बरामद होते ही पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवार को हत्या की प्राथमिकी दर्ज करते हुए जब्त कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. डीएसपी संजय राणा ने पूरे मामले की जानकारी दी. बताया कि इस मामले में मृतका की मां का ब्लड सैंपल व नर कंकाल की हड्डी को लेकर डीएनए फिंगर प्रिंटिंग भी करवाया जाएगा ताकि यह साफ हो सके की कंकाल आरजू की ही है. हत्या की प्राथमिकी दर्ज करते हुए जब्त कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
मनीष के गुनाह को दोस्त ने दी घर में जगहः इस घटना में मनीष का दोस्त राजकमल भी सहयोगी रहा है. राजकमल ने अपने घर के कमरे में ही आरजू की लाश को दफन करवाया था. इतना ही नहीं जिस कच्चे कमरे में वर्ष 2021 में लाश को दफनाया गया उसपर मकान बनाने का काम भी राजकमल ने तुरंत ही शुरू करवा दिया. बताया जाता है कि राजकमल ने नींव खोदने में किसी मजदूर को नहीं लगवाया बल्कि खुद ही काम करता रहा. बाद में जिस स्थान पर लाश को दफनाया था उसपर ढलाई भी कर डाली. जो जानकारी मिली है उसके अनुसार राजकमल दूसरे प्रदेश में रहता है और पुलिस उसको भी खोज रही है.
मनीष को मिले फांसी की सजाः आरजू के मां-बाप ने कहा कि मनीष को फांसी की सजा मिले. इधर शुक्रवार को मृतका आरजूमन की गावां थाना इलाके के नगवां निवासी मां रेहना खातून व पिता मुअज्जम अंसारी ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी पूर्व में की थी. उसका दामाद व बेटी चेन्नई में रहती थी. साल 2021 में जब उनकी बेटी गायब हुई तो उन्हें उसी वक्त शक हो गया था कि मनीष ने उसकी बेटी को मार डाला है. परिजनों ने बताया कि मनीष के घरवाले भी इस घटना से पहले दहेज की मांग कर रहे थे.
2018 में प्यार और 2021 में कत्लः आरजूमन की गावां थाना इलाके के नगवां निवासी मां रेहना खातून व पिता मुअज्जम अंसारी ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी पूर्व में की थी. उसका दामाद व बेटी चेन्नई में रहती थी. वर्ष 2018 में दामाद व बेटी वापस आ रही थी इस बीच कोलकाता से ही मनीष उसकी बेटी को भगाकर ले गया. इसे लेकर गावां थाना में मुकदमा भी किया गया. बाद में दोनों बरामद हुए तो उसकी बेटी यह कहने लगी कि अब वह कहां जाएगी और मनीष के साथ ही रहने लगी. हमलोगों ने इसे स्वीकार भी कर लिया. इसी बीच 17 अप्रैल 2019 को इन्हें एक पुत्री भी हुई और सब सही चल रहा था. इस बीच वर्ष 2021 में दुर्गपूजा के विजयदशमी के दिन बेटी ने रात में फोन किया और बताया कि मनीष उसे बेटी संग मेला घूमाने ले जा रहे हैं. वह काफी खुश भी थी इसके बाद उनकी बात आरजू से नहीं हो सकी. गिरिडीह में हत्या से इलाके में सनसनी है, शक के आधार पर कत्ल की कहानी पूरी तरह से फिल्मी और पूरी तरह से प्लान करके इसे अंजाम दिया गया.