बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के दोंदलो पंचायत के ढिबरा में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है. इस आंगनबाड़ी केंद्र पर तीन दर्जन से अधिक बच्चे हैं, जिन्हें पढ़ाई के साथ साथ पोषणहार की व्यवस्था की गई है. लेकिन इस केंद्र पर पीने के पानी की समस्या गंभीर है. पानी के अभाव में नौनिहालों के साथ सेविका और सहायिकाओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
यह भी पढ़ेंः गिरिडीहः सरकारी योजनाओं से वंचित बच्चे, आदिवासी गांव गैडाही में नहीं है आंगनबाड़ी केंद्र
स्थिति यह है कि आंगनबाड़ी केंद्र की छत पर पानी टंकी लगाया गया है. लेकिन बोरिंग की व्यवस्था नहीं की गई है. बोरिंग के अभाव में पानी टंकी बेकार पड़ा है. बच्चों के भोजन बनाने के लिए सेविका और सहायिका को दूर के कुआं और चापानल के पानी लाना पड़ता है. रोजाना सेविका और सहायिका को मजबूरन एक किलोमीटर दूर से पानी लगाना पड़ रहा है. इसके बावजूद संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र में तीन दर्जन से अधिक बच्चे नामांकित हैं. बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण एक दशक पहले हुआ है. साल 2016 में जेएसएलपीएस की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित की गई, जिसमें यूनिसेफ के हेड सहित कई अधिकारी शामिल होने पहुंचे थे. इस कार्यक्रम के दौरान एक कुआं से पाइप और मशीन की मदद से पानी टंकी में पानी भर दिया गया था. इसके बाद से केंद्र की छत पर लगे टंकी में कभी पानी नहीं पहुंचा.
केंद्र की सेविका मुन्नी देवी कहती है कि पानी की सुविधा नहीं रहने से काफी परेशानी होती है. दूसरे के कुआं और चापाकल से पानी लाकर काम करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि पानी टंकी लगाया गया है. लेकिन बोरिंग की व्यवस्था नहीं की गई है. मुखिया तुलसी महतो कहते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र में पीने के पानी की समस्या है, जिसे शीघ्र दूर किया जाएगा.