गिरिडीह: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से निपटने व इसके रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिख रहा है. इसे लेकर क्विक रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है. कोरोना से बचाव और रोकथाम को लेकर गिरिडीह जिले के सदर अस्पताल में मॉक ड्रिल (Mock drill at Giridih Sadar Hospital) का आयोजन किया गया. इस दौरान बेड और वेंटिलेटर की सुविधाएं जांची गई.
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मॉक ड्रिल करने के फायदे : मॉक ड्रिल (Mock drill) के जरिए अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है? पीपीई किट कितनी है? N95 मास्क और वेंटिलेटर की कितनी संख्या है? कोविड वार्ड कितने तैयार हैं? बेड की संख्या कितनी है? संकट की स्थिति में ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं या नहीं. अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति आदि के बारे में रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके माध्यम से यह कोशिश की गई कि कोरोना के मरीज को कैसे एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया जा सकता है और उन्हें कैसे आइसोलेट किया जाएगा, इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी है, इसकी जानकारी दी गयी, इसके अलावा सैनीटाइज करने, मास्क आदि से एहतियात बरतने की जानकारी भी दी गयी.
बूस्टर डोज लेने से दूर रहे लोग : तैयारियों की समीक्षा के बीच आम लोगों की एक लापरवाही की भी खबर सामने आयी है. दरअसल जिले कि 10,39,030 लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया. लेकिन बूस्टर डोज लेनेवाले की संख्या मात्र 71075 है. ऐसे में सवाल विभाग के जागरूकता अभियान पर भी उठ रहा है. कहा जा रहा है कि विभाग ने लोगों को बूस्टर डोज के लिए जागरूक करने का बहुत प्रयास नहीं किया.
नदारत है कोविशील्ड : जिला स्वास्थ्य महकमा (Giridih Health Department) के पास सिर्फ कोवैक्सीन का डोज उपलब्ध है. कोविशील्ड नदारत है. कोवैक्सीन के उपलब्ध डोज में से 4500 डोज दिसम्बर में तो 8500 डोज जनवरी में एक्सपायर हो जाएगें. इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा का कहना है कि वैक्सीन की डिमांड राज्य से की गई है.