गांडेय, गिरीडीह: बेंगाबाद थाना क्षेत्र गेनरो पंचायत से फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है. बासी मछली खाने के बाद यहां दो सख्श समेत दर्जन भर बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है. जिसके बाद सभी को इलाज के लिए गिरीडीह के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. बताया जाता है कि बीमार होने वाले बच्चे एक छठियारी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. पार्टी के बाद उन्होंने दूसरे दिन सुबह बासी मछली खाया था. जिसके बाद सभी की तबियत बिगड़ गई.
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कैसे बिगड़ी तबीयत: जानकारी के अनुसार गेनरो गांव में गुरुवार की रात लक्ष्मण साव के घर में छठियारी कार्यक्रम आयोजित था. गांव के लोग उस कार्यक्रम में गए थे. वहीं लोगों ने मछली खाया और घर वापस लौट गए. बीमार हुए बच्चों के परिजनों ने बताया कि पार्टी के बाद कुछ बचे हुए मछली को गृह स्वामी ने शुक्रवार की सुबह कुछ बच्चों समेत अन्य लोगों को खिलाया. सुबह मछली खाने के बाद अचानक एक के बाद एक सभी की तबीयत बिगड़ने लगी.
सुबह मछली खाने वाले लोगों को उल्टियां और दस्त आने लगी. जिसके बाद अफरा तफरी मच गई. हो हल्ला के बाद ग्रामीण जमा हुए और स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सुरेंद्र सोरेन एवं पूर्व प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद यादव को सूचना दी गई. आनन फानन में जनप्रतिनिधियों ने एम्बुलेंस के माध्यम से सभी बीमार लोगों को अस्पताल भेजा गया. एम्बुलेंस सभी बीमार लोगों को लेकर बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल पहुंचा. यहां मौके पर चिकित्सक नहीं रहने के कारण परिजनों ने अस्पताल में हंगामा भी किया. जिसके बाद सभी को इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल ले जाया गया.
ये लोग हुए बीमार: बीमार पड़ने वालों में ज्यादातर छोटे बच्चे शामिल हैं. जिनमें से कुछ का इलाज सदर अस्पताल एवं कुछ लोगों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है. बीमार बच्चों में से सिकंदर साह के पुत्र शिव कुमार व पुत्री चांदनी कुमारी, टुकन मंडल के पुत्र शिवम कुमार, भागीरथ साह के पुत्र गौतम कुमार, लक्ष्मण साह की पुत्री निधि कुमारी, मनोज मंडल के पुत्र राहुल कुमार, त्रिभुवन साह की पुत्री आरती कुमारी, कामदेव साह की पुत्री छाया कुमारी और आंचल कुमारी, गोविंद कुमार, रानी कुमारी, एंव 50 वर्षीय निर्मल साव व एक अन्य वृद्ध व्यक्ति शामिल हैं.
अस्पताल में परिजनों ने काटा बवाल: आनन फानन में सभी बिमार बच्चों इलाज के लिए जब बेंगाबाद के सामुदायिक अस्पताल लाया गया तो यहां चिकित्सक नदारद थे. बच्चों की हालत धीरे धीरे बिगड़ती जा रही थी. चिकित्सक के अस्पताल में नहीं रहने के कारण परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल में जमकर हंगामा किया. अस्पताल की कुव्यवस्था से भड़के लोगों ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेश गुप्ता के कक्ष में घुस कर तोड़-फोड़ शुरू कर दी. जिसके बाद चिकित्सक अस्पताल पहुंचे और बीमार बच्चों को गिरिडीह सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. अस्पताल द्वारा एम्बुलेंस व्यवस्था करने पर लोगों का गुस्सा शांत हुआ और बच्चों को इलाज के लिए गिरीडीह ले जाया गया. डॉ. महेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों को फूड प्वॉइजनिंग हो गया है. इलाज के लिए यहां सुविधा उपलब्ध नहीं है. बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है.