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2008 में महिला की गोली मारकर हुई थी हत्या, 14 वर्षों बाद एक को आजीवन कारावास - Jharkhand news

हत्या के मामले में एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है (Life imprisonment to convict). गिरिडीह अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने यह सजा सुनाई है. मामला वर्ष 2008 में महिला की गोली मारकर हुई हत्या का है.

Life imprisonment to convict in murder case in Giridih
Life imprisonment to convict in murder case in Giridih
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Published : Nov 29, 2022, 10:52 PM IST

गिरिडीह: हत्या के मामले में देवरी थाना क्षेत्र के सोना पहाड़ी के सरफुल अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है (Life imprisonment to convict). अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडेय की अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनायी. अदालत ने सरफुल अंसारी को भादवि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपये का अर्थ दंड और भादवि की धारा 450/34 में दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक साल की अतिरक्ति सश्रम कारावास की सजा भुगतना होगा.

क्या है मामला: मामला देवरी थाना क्षेत्र के सोना पहाड़ी गांव से जुड़ा हुआ है. साल 2008 में सकीना खातून की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. प्राथमिकी सोना पहाड़ी निवासी मुख्तार अंसारी के फर्द बयान के आधार पर देवरी थाना में कांड संख्या 201/2008 के तहत दर्ज किया गया था. मुख्तार ने अपने फर्द बयान में कहा था कि 11 दिसंबर 2008 की रात को प्रत्येक दिन की तरह वह तथा उसके परिवार के सभी सदस्य खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सो गये. रात लगभग एक बजे रात में उसे लघुशंका लगा तो वह अपने कमरे का दरवाजा खोलना चाहा तो नहीं खुला.

दरवाजा के बाहर से सिकड़ी चढ़ा हुआ था तब वह समझ गया कि जरूर कुछ गड़बड़ है. इसके बाद वह लाठी से किवाड़ को उचटाकर दरवाजा खोला और जैसे से बाहर आया तो घर के आंगन में बाहरी दस लोगों को देखा. उसके गांव के ही सरफुल अंसारी, असरफ अंसारी, जलील अंसारी, अब्दुल गनी, गौस मोहम्मद, सफीक अंसारी, इसलाम अंसारी और अनवर अंसारी थे. इसके बाद सरफुल के कहने पर असरफ ने मुख्तार की मां सकीना खातून को गोली मार दी. सकीना वहीं गिर गयी. इसके बाद मुख्तार ने हो-हल्ला किया तो परिवार के सभी लोग निकले. इस बीच सभी आरोपी भागने लगे. पीछा करने के दौरान मुख्तार पर इन लोगों द्वारा कई बम भी फेंका गया. हालांकि वह बच गया. दूसरी तरफ सकीना ने मरने से पहले मुख्तार के भाई मेराज अंसारी को यह भी बताया था कि मारने वालों में अलाउद्दीन अंसारी एवं सदीक अंसारी था और तीन अन्य को वह नहीं पहचान सकी.



अन्य अभियुक्तों पर अलग से चल रहा है ट्रायल: इस मामले में अभी सिर्फ एक ओरापी सरफुल को सजा हुई है. कोर्ट सूत्रों ने बताया कि मामले के अन्य अभियुक्तों का ट्रायल अदालत में अलग से चल रहा है.

गिरिडीह: हत्या के मामले में देवरी थाना क्षेत्र के सोना पहाड़ी के सरफुल अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है (Life imprisonment to convict). अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडेय की अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनायी. अदालत ने सरफुल अंसारी को भादवि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपये का अर्थ दंड और भादवि की धारा 450/34 में दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक साल की अतिरक्ति सश्रम कारावास की सजा भुगतना होगा.

क्या है मामला: मामला देवरी थाना क्षेत्र के सोना पहाड़ी गांव से जुड़ा हुआ है. साल 2008 में सकीना खातून की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. प्राथमिकी सोना पहाड़ी निवासी मुख्तार अंसारी के फर्द बयान के आधार पर देवरी थाना में कांड संख्या 201/2008 के तहत दर्ज किया गया था. मुख्तार ने अपने फर्द बयान में कहा था कि 11 दिसंबर 2008 की रात को प्रत्येक दिन की तरह वह तथा उसके परिवार के सभी सदस्य खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सो गये. रात लगभग एक बजे रात में उसे लघुशंका लगा तो वह अपने कमरे का दरवाजा खोलना चाहा तो नहीं खुला.

दरवाजा के बाहर से सिकड़ी चढ़ा हुआ था तब वह समझ गया कि जरूर कुछ गड़बड़ है. इसके बाद वह लाठी से किवाड़ को उचटाकर दरवाजा खोला और जैसे से बाहर आया तो घर के आंगन में बाहरी दस लोगों को देखा. उसके गांव के ही सरफुल अंसारी, असरफ अंसारी, जलील अंसारी, अब्दुल गनी, गौस मोहम्मद, सफीक अंसारी, इसलाम अंसारी और अनवर अंसारी थे. इसके बाद सरफुल के कहने पर असरफ ने मुख्तार की मां सकीना खातून को गोली मार दी. सकीना वहीं गिर गयी. इसके बाद मुख्तार ने हो-हल्ला किया तो परिवार के सभी लोग निकले. इस बीच सभी आरोपी भागने लगे. पीछा करने के दौरान मुख्तार पर इन लोगों द्वारा कई बम भी फेंका गया. हालांकि वह बच गया. दूसरी तरफ सकीना ने मरने से पहले मुख्तार के भाई मेराज अंसारी को यह भी बताया था कि मारने वालों में अलाउद्दीन अंसारी एवं सदीक अंसारी था और तीन अन्य को वह नहीं पहचान सकी.



अन्य अभियुक्तों पर अलग से चल रहा है ट्रायल: इस मामले में अभी सिर्फ एक ओरापी सरफुल को सजा हुई है. कोर्ट सूत्रों ने बताया कि मामले के अन्य अभियुक्तों का ट्रायल अदालत में अलग से चल रहा है.

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