गिरिडीहः जिले से सटे देवघर के देवीपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स का निर्माण होने के बाद गिरिडीह के बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र व गिरिडीह शहरी इलाके में जमीन के दाम में आग लग गई है. बेंगाबाद में तो दाम बढ़ने के साथ साथ भू - माफियाओं की सक्रियता भी बढ़ी है और माफिया हर हाल में जमीन पर कब्जा करने को आतुर भी दिखते है(Land mafia active in Giridih regarding land grab). इसका विरोध भी स्थानीय लोगों ने किया तो संघर्ष भी होना शुरू हो गया है. स्थिति मरने मारने की बन गई है. पांच छह दिनों पूर्व माफियाओं के विरोध में मारपीट भी हुई तो फायरिंग जैसी घटना भी घट गई(Clash over possession of land in Giridih). अब तो इस इलाक़े में खूनी वारदात की पृष्ठभूमि तैयार होने लगी है.
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जमीन पर काबिज होने की लगी है होड़ः वैसे यहां बता दें कि गिरीडीह- दुमका एनएच 114 ए बेंगाबाद से होकर गुजरती है. एनएच के निर्माण के पूर्व बेंगाबाद के इलाके में ज़मीन की कीमत बहुत खास नहीं थी और भूमाफिया इस इलाके सक्रिय नहीं थे. मगर एनएच 114 ए के निर्माण के बाद से एनएच के किनारे पड़ने वाली जमीन का वैल्यू बढ़ गया और कीमत भी आसमान छूने लगी. इस बीच बेंगाबाद से सटे देवीपुर में एम्स का निर्माण शुरू हुआ तो इस इलाके में भूमाफियाओं की सक्रियता काफी तेजी से बढ़ गई. भूमाफिया खाली जमीन गैरमजरुआ जमीन पर अपनी गिद्ध दृष्टि डालने लगे. माफिया हर हाल में जमीन को खरीदने और अपनाने की ताक में लगे रहते हैं. गिरीडीह से डाकबंगला के बीच एनएच के किनारे स्थित जमीन की सौदेबाजी भी काफी तेजी से होने लगी है. भू माफियाओं द्वारा जमीन का एग्रीमेंट करा कर उस पर कब्ज़ा करने के लिए हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. जमीन की घेराबंदी को लेकर भूमाफियाओं द्वारा धन बल एवं शक्ति का प्रयोग भी लगातर किया जा रहा है. जिस कारण आये दिन विवाद एवं झड़प की घटनाओं में इजाफा हो रहा है.
बाउंसर भी ले आते हैं माफियाः बताते चलें कि कुछ माह पूर्व ही बेंगाबाद थाना अंतर्गत कर्णपुरा मौजा में एक ज़मीन के टुकड़े को लेकर बड़ा विवाद हुआ था. भूमाफियाओं द्वारा उक्त जमीन की घेराबंदी के लिए बाहर से बाउंसर भी मंगाया गया था. जिस कारण दो पक्षों के बीच टकराव हो गया था और खूनी संघर्ष की आशंका बन गई थी. मगर मौका रहते ही बेंगाबाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति को काबू में लिया. मामले को लेकर बेंगाबाद थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी.
माफियाओं से कई दफा भिड़ेः वहीं बेंगाबाद थाना क्षेत्र के सोनवाडीह मौजा में एनएच के किनारे एक बड़े भूखंड को लेकर स्थानीय आदिवासी समाज के लोग एवं भूमाफियाओं के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. वर्ष 2018 में जमीन के एक टुकड़े को घेरने के लिए काम शुरू किया गया था. जिसमें दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी. फिर वर्ष 2019 में भी सोनवाडीह पिपराटोल मौजा में जमीन विवाद के कारण ही दो पक्षों में झड़प हुई और मारपीट की घटना घटी थी. उस मामले में एक पक्ष से एक व्यक्ति तीर लगने के कारण गंभीर रूप से घायल हुआ था, जबकि कई अन्य लोग चोटिल हुए थे. 14 दिसंबर को एक बार फिर सोनवाडीह मौजा में ही एक भूभाग को घेरने का काम आरंभ किया गया. इस मामले में भी आदिवासी समाज के लोग एवं दूसरे पक्ष के लोग आमने सामने हो गए. दोनों पक्षों में टकराव के बाद पथराव, फायरिंग एवं तीरबाजी की घटना भी हुई. हालांकि इस मामले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. मामले को लेकर थाने में पुलिस द्वारा दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है.
भाकपा माले ने की सख्त कार्रवाई की मांगः इस मामले को लेकर भाकपा माले रेस है. माले ने माफियाओं के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है. माले नेता राजेश यादव व राजेश सिन्हा का कहना है माफियाओं की सक्रियता चिंता करने वाली है. ऐसे मामले में दोषियों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए.
विधायक ने जाहिर की चिंताः इधर इस क्षेत्र के विधायक डॉ सरफराज अहमद ने माफियाओं की सक्रियता पर चिंता जाहिर की है. इनका कहना है कि बेंगाबाद प्रखंड में भू माफियाओं द्वारा शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जा रहा है. किसी भी कीमत पर शांति व्यवस्था को भंग होने नहीं दिया जाएगा.
पुलिस को सजग रहने की जरूरतः जमीन विवाद के कारण लगातार बढ़ रहे झड़प के कारण पुलिस को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अगर समय रहते पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो किसी बड़ी घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. इलाके में शांति कायम रखने के लिए ऐसे माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.