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गिरिडीह नगर निगम में कर्मियों का अभाव, सफाई कार्य हो रहा है प्रभावित

गिरिडीह नगर निगम में कर्मियों का अभाव है. इसका सीधा असर सफाई कार्यों पर पड़ रहा है. यहां वार्डों की संख्या तो बढ़ गयी, लेकिन कर्मी नहीं बढ़ें.

Lack of sanitation workers in Giridih Municipal Corporation
गिरिडीह नगर निगम में कर्मियों का अभाव
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Published : Mar 26, 2021, 3:18 PM IST

गिरिडीह: जिले के नगर निगम में सफाईकर्मियों की कमी है. इसका असर निगम के वार्डों की सफाई में पड़ रहा है. इससे सफाईकर्मी भी परेशान हैं, साथ ही आम लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले सफाईकर्मियों की हड़ताल, वार्डों में गंदगी का अंबार

सफाईकर्मियों की संख्या में भारी कमी

मिली जानकारी के अनुसार, अभी ठेला के माध्यम से सफाई करने वालों की संख्या 72 है, जबकि इसकी संख्या 144 होनी चाहिए. इसी तरह अतरिक्त सफाईकर्मियों की संख्या भी लगभग 150 होनी चाहिए, लेकिन यह संख्या महज 40 के करीब है. वार्डों में झाड़ू लगाने वालों की संख्या 9 है, जबकि निगम में 36 वार्ड हैं और हरेक वार्ड में 5-5 झाड़ू लगाने वालों की आवश्यकता है. इस मामले में वार्ड पार्षद सुमित कुमार का कहना है कि इस बार नया परिसीमन होने के बाद वार्डों की संख्या 30 से बढ़कर 36 हो गयी है. वहीं नियमित सफाईकर्मी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

शहर की सफाई में लगे हैं 374 कर्मी

वार्ड पार्षद सुमित कुमार का कहना है कि सफाईकर्मी और कर्मचारियों की बहाली होनी चाहिए. मानदेय कर्मियों के लिए अतिरिक्त फंड दिया जाना चाहिए. वहीं, सिटी मैनेजर का कहना है कि पूरे शहर की सफाई में 374 कर्मियों को लगाया गया है. 36 वार्ड में सभी तरह की सफाई इनकी ओर से की जाती है, जिससे झाड़ू लगाने के काम में परेशानी होती है. वहीं, प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने कहा कि रिसोर्स के अंदर ही कर्मी को रख सकते हैं. यह पूरी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को रखकर काम किया जाए.

गिरिडीह: जिले के नगर निगम में सफाईकर्मियों की कमी है. इसका असर निगम के वार्डों की सफाई में पड़ रहा है. इससे सफाईकर्मी भी परेशान हैं, साथ ही आम लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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सफाईकर्मियों की संख्या में भारी कमी

मिली जानकारी के अनुसार, अभी ठेला के माध्यम से सफाई करने वालों की संख्या 72 है, जबकि इसकी संख्या 144 होनी चाहिए. इसी तरह अतरिक्त सफाईकर्मियों की संख्या भी लगभग 150 होनी चाहिए, लेकिन यह संख्या महज 40 के करीब है. वार्डों में झाड़ू लगाने वालों की संख्या 9 है, जबकि निगम में 36 वार्ड हैं और हरेक वार्ड में 5-5 झाड़ू लगाने वालों की आवश्यकता है. इस मामले में वार्ड पार्षद सुमित कुमार का कहना है कि इस बार नया परिसीमन होने के बाद वार्डों की संख्या 30 से बढ़कर 36 हो गयी है. वहीं नियमित सफाईकर्मी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

शहर की सफाई में लगे हैं 374 कर्मी

वार्ड पार्षद सुमित कुमार का कहना है कि सफाईकर्मी और कर्मचारियों की बहाली होनी चाहिए. मानदेय कर्मियों के लिए अतिरिक्त फंड दिया जाना चाहिए. वहीं, सिटी मैनेजर का कहना है कि पूरे शहर की सफाई में 374 कर्मियों को लगाया गया है. 36 वार्ड में सभी तरह की सफाई इनकी ओर से की जाती है, जिससे झाड़ू लगाने के काम में परेशानी होती है. वहीं, प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने कहा कि रिसोर्स के अंदर ही कर्मी को रख सकते हैं. यह पूरी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को रखकर काम किया जाए.

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