बगोदर, गिरिडीह: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण के लिए दूसरे फेज में 3 मई तक पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बढ़ाए गए लॉकडाउन से महानगरों में फंसे बगोदर विधानसभा क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों की परेशानियां और भी बढ़ गई है. प्रवासी मजदूरों को महानगरों में परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. प्रवासी मजदूरों ने उम्मीद जताई थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने पर वे वापस घर लौट आएंगे. बगोदर विधानसभा बगोदर सहित सरिया और बिरनी प्रखंड क्षेत्र के हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर विभिन्न महानगरों में फंसे हुए हैं. बगोदर के मुंडरो एक ऐसा पंचायत हैं जहां के लगभग आठ सौ मजदूर सिर्फ मुंबई में फंसे हुए हैं. मुंबई में फंसे पंचायत के बिहारो के प्रवासी मजदूरों ने मंगलवार को सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर अपनी दुखडा को सार्वजनिक किया है.
पंचायत के मुखिया पति उमेश मंडल को भी व्हाट्सएप पर वीडियो भेजकर मुखिया सहित बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह एवं सीएम हेमंत सोरेन से सहयोग की गुहार लगाई है. मजदूरों ने कहा है कि उनके पास अब भुखमरी के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है. चूंकि राशन भी समाप्त हो गया है और बैंक खाता में पैसे भी नहीं है. इस स्थिति में वहां फंसे मजदूर खुद को बेसहारा महसूस कर रहे हैं. मजदूरों ने उम्मीद जताई थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने पर वे वापस घर लौट जाएंगे. मगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई है.
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बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह प्रवासी मजदूरों के पक्ष में लगातार आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ सीएम को चिठ्ठी लिखकर महानगरों में फंसे प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने की मांग की थी. बल्कि10 अप्रैल को सीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहयोग करने की मांग की थी. उन्होंने 13 अप्रैल को ट्वीट कर सरकार के द्वारा प्रवासी मजदूरों का सहयोग नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी थी.