गिरिडीह: कोनार नहर का तटबंध टूटने से किसानों को हुए नुकसान मामले में जिला प्रशासन की ओर से गठित टीम ने अपना जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को सौंप दिया है. जांच प्रतिवेदन के आधार पर तटबंध टूटने से 130 किसानों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें 129 किसानों के धान की फसलों के साथ-साथ मूंग और मकई की फसल को नुकसान पहुंचा है. तटबंध टूटने से कुल 30.9 एकड़ की भूमि को नुकसान पहुंचा है.
बुधवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने समाहरणालय सभागार में मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जितने भी किसानों को इससे क्षति पहुंचा है, उसका मुआवजा राशि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा डीबीटी के माध्यम से उसके बैंक खाते में दे दी जाएगी. उपायुक्त ने कहा कि किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए कुल 7.04 लाख रूपए का भुगतान किया जाएगा. इसका प्रतिवेदन सरकार को भेज दिया गया है. किसानों के लिए राशि जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय बीडीओ को उपलब्ध करा दी जाएगी. बीडीओ किसानों की पहचान कराकर भुगतान करवाएंगे.
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किसानों के क्षति का किया जाएगा भुगतान
उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि जांच टीम में स्थानीय बीडीओ के अलावे राजस्व कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया था. टीम ने घटनास्थल पर जाकर किसानों से उसके फसलों की हुई क्षति का पूरा ब्यौरा लिया, जिसका आकलन कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है. प्रतिवेदन के अवलोकन के लिए जिला स्तरीय तकनीकि समिति की बैठक बुलाई गई. समिति ने अवलोकन के बाद यह तय किया कि किसानों की जितनी क्षति हुई उसकी पूर्ति तभी संभव हो सकेगा जब इसका भुगतान स्केल ऑफ फाइनांस के आधार पर किया जाए.
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जिला स्तरीय समिति की बैठक
उपायुक्त ने कहा कि स्केल ऑफ फाइनेंस वह प्रक्रिया है जिसके तहत प्रतिवर्ष जिला स्तरीय समिति का गठन उपायुक्त की अध्यक्षता में होती है. यह कमेटी खरीफ फसलों की खेती का शुरू से लेकर अंत तक किसान इसमें कितनी राशि खर्च करते हैं इसका आकलन होता है. फसल लगाने में किसान कुल कितनी पूंजी लगाते हैं उसका मंगाई के हिसाब से कुल राशि का आकलन कृषि की विभिन्न प्रकृति के आधार पर किया जाता है. इसी विधि से किसानों का मुआवजा तय किया गया है.
इस आधार पर मिलेगी किसानों को राशि
- धान की फसल में 22 हजार 674 रुपए का भुगतान होगा.
- मकई की फसल में 14 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से भुगतान होगा
- मुंगफली की फसल में 16 हजार 100 रुपए प्रति एकड़ की दर से क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
कुल आकलन 6 लाख 84 हजार रूपए का हुआ है. जबकि तालाब की मछली मर जाने से 20 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. इस तरह कुल क्षतिपूर्ति 7 लाख 4 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा.