गिरिडीह: पंचायत चुनाव की तारीख तय नहीं हुई है और यह चुनाव भी दलगत आधार पर नहीं होगा. इसके बावजूद हर पंचायत पर राजनीतिक दल अपना कब्जा जमाने की ख्वाहिश पाले हुए है. राजनीतिक दल की यह कामना है कि पंचायत में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता, नेता या सामान विचारधारा वाले उम्मीदवार ही जीतें. पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस तरह की मंशा को जाहिर किया था. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे लेकर बैठक भी की है. शनिवार को जेएमएम के गिरिडीह जिला कार्यालय में पंचायत चुनाव को लेकर बैठक हुई. सदर विधायक सुदिव्य कुमार, गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद व जिलाध्यक्ष संजय सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में विभिन्न पंचायतों से आये पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
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आपसी सहमति पर जोर
इस बैठक में पंचायत चुनाव पर चर्चा हुई. कहा गया कि यदि एक ही पंचायत से पार्टी के एक से अधिक कार्यकर्ता या नेता खड़ा होते हैं तो उस परिस्थिति में होना क्या चाहिए. इसपर पार्टी के नेताओं ने कहा कि संगठन प्रत्याशियों का मूल्यांकन करेगी और उसके बाद जो प्रत्याशी मजबूत है उसे मदद करेगी. अन्य प्रत्याशियों से निवेदन किया जाएगा और उन्हें मनाया जाएगा. बैठक में राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुंचाने का निर्देश कार्यकर्ताओं को दिया गया.
सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है. कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार ने चुनाव को कुछ दिनों के लिए टाला था लेकिन सत्ता का विकेंद्रीकरण व योजनाओं को देखने के लिए व ढंग से संचालित करने के लिए पंचायत प्रतिनिधि का होना बहुत ही आवश्यक है. सरकार ने यह निर्णय किया है कि आनेवाले समय में जल्द ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जायेंगे. इस पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी को लेकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने मंथन किया है.