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ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के मजदूरों की हुई वतन वापसी, देश लौटने के बाद चेहरे पर दिखी खुशी

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Published : Dec 26, 2022, 4:30 PM IST

ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर अपने वतन लौट चुके हैं (Labourers stranded in Tajikistan return to India). अपने देश वापस आने पर मजदूर काफी खुश नजर आए. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों को धन्यवाद कहा है.

Labourers stranded in Tajikistan return to India
दिल्ली पहुंचे ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर
देखें पूरी खबर

गिरिडीह: जन प्रतिनिधियों की पहल के बाद ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों की वापसी हो गई है (Labourers stranded in Tajikistan return to India). सोमवार दोपहर तक सभी मजदूर देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गए. ताजिकिस्तान से सकुशल वापसी होने पर मजदूरों ने जन प्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों के प्रति आभार जताया है. मालूम हो कि झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिला के 44 प्रवासी मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए थे.

ये भी पढ़ें: ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूर, वतन वापसी की लगाई गुहार

मजदूरों ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर वहां फंसे होने की बात कही थी. साथ ही सरकार से वतन वापसी के लिए गुहार भी लगाई थी. इसके बाद क्षेत्र के एमपी और एमएलए के द्वारा मजदूरों की वतन वापसी के लिए पहल की गई. कोडरमा एमपी सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जहां विदेश मंत्री से मुलाकात कर मजदूरों की वतन वापसी की मांग की थी. वहीं बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में मजदूरों का मामला उठाते हुए उनकी सकुशल वापसी की मांग की थी.

ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के मजदूरों को तीन महीने से मजदूरी नहीं मिली. इससे मजदूरों के समक्ष खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया था. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ वतन वापसी की गुहार लगाई थी. ताजिकिस्तान में गिरिडीह जिले के बगोदर, सरिया, डुमरी, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ और बोकारो जिला के विभिन्न गांवों के मजदूर फंसे हुए थे. मजदूरों ने बताया कि 6 महीने पहले सभी मजदूर ताजिकिस्तान गए हुए थे. वीडियो में मजदूरों ने बताया कि बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना निवासी पंचम महतो के माध्यम से सभी ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए ताजिकिस्तान गए थे.

ताजिकिस्तान में फंसे थे ये मजदूर: गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढ़ी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेंद्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजू, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, ब्रह्मदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह और बोकारो जिला के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो और बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं.

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गिरिडीह: जन प्रतिनिधियों की पहल के बाद ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों की वापसी हो गई है (Labourers stranded in Tajikistan return to India). सोमवार दोपहर तक सभी मजदूर देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गए. ताजिकिस्तान से सकुशल वापसी होने पर मजदूरों ने जन प्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों के प्रति आभार जताया है. मालूम हो कि झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिला के 44 प्रवासी मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए थे.

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मजदूरों ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर वहां फंसे होने की बात कही थी. साथ ही सरकार से वतन वापसी के लिए गुहार भी लगाई थी. इसके बाद क्षेत्र के एमपी और एमएलए के द्वारा मजदूरों की वतन वापसी के लिए पहल की गई. कोडरमा एमपी सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जहां विदेश मंत्री से मुलाकात कर मजदूरों की वतन वापसी की मांग की थी. वहीं बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में मजदूरों का मामला उठाते हुए उनकी सकुशल वापसी की मांग की थी.

ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के मजदूरों को तीन महीने से मजदूरी नहीं मिली. इससे मजदूरों के समक्ष खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया था. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ वतन वापसी की गुहार लगाई थी. ताजिकिस्तान में गिरिडीह जिले के बगोदर, सरिया, डुमरी, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ और बोकारो जिला के विभिन्न गांवों के मजदूर फंसे हुए थे. मजदूरों ने बताया कि 6 महीने पहले सभी मजदूर ताजिकिस्तान गए हुए थे. वीडियो में मजदूरों ने बताया कि बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना निवासी पंचम महतो के माध्यम से सभी ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए ताजिकिस्तान गए थे.

ताजिकिस्तान में फंसे थे ये मजदूर: गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढ़ी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेंद्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजू, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, ब्रह्मदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह और बोकारो जिला के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो और बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं.

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