गिरिडीह: देश विरोधी गतिविधि संचालित करने के आरोप में पटना पुलिस ने जिस मो जलालुद्दीन खान को गिरफ्तार किया है. वह गिरिडीह जिले के भेलवाघाटी थाना में बतौर थानेदार रह चुका है. जलालुद्दीन की गिरफ्तारी से भेलवाघाटी के लोग भी वाकिफ हैं. ईटीवी भारत ने भेलवाघाटी के लोगों से जलालुद्दीन के संदर्भ में जानकारी ली. यहां के लोगों ने बताया कि जलालुद्दीन खान 20 नवम्बर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक बतौर थाना प्रभारी रह चुके हैं.
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मुखिया विकास वर्णवाल ने बताया कि यहां पर उनका ज्यादातर समय खास वर्ग के साथ ही गुजरता था. खास वर्ग की मदद वे करते थे. उन्होंने कहा कि जलालुद्दीन की गतिविधि पर वे सोचते थे कि सम्भवतः उस वर्ग विशेष की उन्नति का ख्याल उनके अंदर होगा. अब जब यह पता चला कि जलालुद्दीन देश विरोधी कार्य करते थे तो यह सुनकर वे सन्न रह गए. भला कोई पुलिस अधिकारी रह चुका व्यक्ति भी इस तरह की हरकत कर सकता है.
थाना से ज्यादा मुहल्ले में गुजरता था समय: यह भी बताया गया कि जब जलालुद्दीन भेलवाघाटी के थानेदार थे उस वक्त वे थाना में कम बल्कि खास वर्ग के मुहल्ले में ज्यादा समय देते थे. मुखिया कहते हैं अब तो उन्हें यह सताने लगा है कि न जाने कितने लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम जलाल ने किया होगा. उन्होंने कहा कि यह खबर इस क्षेत्र के लोगों को सकते में डाल दिया है. इस दौरान गांव के अन्य लोगों से बात की गई. कइयों ने तो ऑन कैमरा कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. कुछ लोग बोले कि भूमिका हमेशा ही संदिग्ध रही है. यह भी कहा कि रिटायर्ड होने के बाद भी उसके सम्पर्क में कुछ लोग रहे होंगे इसकी भी जांच होनी चाहिए.
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कइयों का बनाया मकान: कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि जलालुद्दीन द्वारा खास वर्ग के कुछ लोगों का मकान भी बनाया था. अब मकान किस फंड से बना यह तो जलाल ही बता सकते हैं. यह भी कहा कि इसके अलावा जलाल का कुछ खास घरों में विशेष आना जाना था.
उग्रवाद प्रभावित है इलाका: यहां बता दें कि भेलवाघाटी गिरिडीह-बिहार की सीमा पर अवस्थित है. इस क्षेत्र में नक्सलवादियों की धमक सालों भर रहती है. 11 सितंबर 2005 को इसी भेलवाघाटी में नक्सलियों ने नरसंघार किया था और ग्राम रक्षा दल के लोगों की हत्या कर दी थी.