गिरिडीह: जिले में कोरोना महामारी के इस आपदा में अवसर तलाश रहे कुछ एम्बुलेंस संचालक लगातार मनमानी कर रहे थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच की है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में चले इस जांच अभियान के दौरान एम्बुलेंस में क्या-क्या सुविधा है, उसकी जांच की गई. इसके अलावा मरीजों से कितना किराया लिया जा रहा है, इसकी भी जानकारी ली गई.
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क्या है एंबुलेंस का किराया
एम्बुलेंस की जांच करने के बाद कार्यपालक दंडाधिकारी ने कहा कि सभी संचालकों को कहा गया है कि वो तय किराया ही लें, 10 किमी रेडियस तक किराया पांच सौ रुपया है, उसके बाद प्रति किमी 12 रुपया तय किया गया है, इसके अलावा सेनेटाइजर और पीपीई किट का सात सौ रुपया लेना है, वहीं जिस एम्बुलेंस में एसी और वेंटिलेटर की सुविधा है, उसका किराया 10 किमी का 600 रुपया है, उसके बाद प्रति किमी 14 रुपया तय किया गया है. कार्यपालक दंडाधिकारी ने कहा कि कोई भी एम्बुलेंस यदि अधिक किराया वसूलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ईटीवी भारत ने प्रसारित की थी खबर
कोरोना काल में कई अस्पताल मरीजों से मनमाना पैसे वसूल रहे हैं, कई एंबुलेंस संचालकों की भी मनमाना किराया वसूलने का दौर जारी है. इस तरह की खबर को ईटीवी भारत की टीम लगातार प्रमुखता से प्रकाशित करते रही है, जिसपर जिला प्रशासन भी संज्ञान ले रहा है.