बगोदर, गिरिडीह: मन में कुछ करने का जज्बा और इरादा है तो शारीरिक बनावट या उम्र आरे नहीं आते हैं. 64 वर्षीय संचित दास कुछ ऐसा ही जज्बा लिए गंगोत्री से गंगासागर तक पदयात्रा पर निकले हैं, जिनका मकदस प्रदूषण को समाज से मुक्त करना है. पदयात्रा के दौरान गिरिडीह के बगोदर पहुंचे और ईटीवी भारत के संवाददाता से विशेष बातचीत की.
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गंगोत्री से गंगा सागर तक की पदयात्रा
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के त्रिवेणी के रहने वाले संचित दास ने एक अक्तूबर को गंगोत्री से पदयात्रा की शुरूआत की और ढाई माह की पदयात्रा कर बगोदर पहुंचे हैं. बगोदर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.
संचित दास की पदयात्रा
पदयात्रा पर निकले हुगली के संचित दास ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं कि एक अक्टूबर को गंगोत्री से गंगासागर के लिए पदयात्रा पर निकले हैं और जनवरी के पहले सप्ताह तक गंगासागर पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि रोजाना 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. इस बीच जहां शाम हो जाती है वहीं विश्राम करते हैं और अगली सुबह पदयात्रा पर निकल पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदूषण मुक्त समाज बनाने का संकल्प लेकर पदयात्रा पर निकले हैं. पदयात्रा के दौरान जगह-जगह रूककर लोगों को प्रदूषण के दुष्प्रभावों से अवगत भी कराते हैं और लोगों से अपील करते है कि प्रदूषण मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में काम करें. उन्होंने ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण और वायू प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मौसम में बारिश नहीं होती है और बिना मौसम बारिश हो रही है.