गिरिडीहः जिला मुख्यालय को रांची से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर एक बार फिर भू-धंसान हो गया है. यह घटना स्टेडियम के पास की है. गुरुवार की सुबह हुए धंसान के कारण बड़ा सा गोफ बन गया है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है. बता दें कि पिछले 13-14 साल से यहां पर धंसान की घटना हो रही है. हर बरसात में सड़क पर गोफ बन जाता है और दुर्घटना होती रहती है. पिछले वर्ष भी सड़क के इसी स्थान पर गोफ बना था, जिसे कई माह तक खुला छोड़ दिया गया था. इस गोफ में गिरकर कई लोगों के घायल होने के बाद गोफ वाले स्थान पर पत्थर का डस्ट डाल दिया गया, लेकिन इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने की कोशिश नहीं की गई. अब बारिश के दौरान फिर से धंसान हो गया, जिसके कारण दुर्घटना की संभावना फिर से बढ़ गई है.
इसके पास है घनी आबादी और स्कूल
जिस स्थान पर गोफ बना है, वहां से लगभग 300-400 मीटर की दूरी पर सीसीएल डीएवी स्कूल, जोगीटांड़ बस्ती, मुफस्सिल थाना है. इस मार्ग से रोजाना सैकड़ों वाहनों का परिचालन होता है. ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
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अक्सर बनता है गोफ
मामले में अधिवक्ता प्रवीण कुमार और भाजपा कार्यकर्ता गंगाधर का कहना है कि जब भी यहां पर गोफ बनता है तो बालू से भरकर महज खानापूर्ति कर दी जाती है. 13-14 साल पहले इस स्थान पर उक्त सड़क 100 फीट तक धंस गई थी. उस वक्त जिला प्रशासन ने सीसीएल के सहयोग से गोफ को भरा था. एक माह तक भू-धंसान वाले इलाके में अभियान चलाया गया था. इस अभियान के बाद 6-7 वर्ष तक उस स्थान पर सड़क ठीक रही, लेकिन पिछले सात-आठ वर्षों से हर बरसात में यहीं पर गोफ बन रहा है.
दशकों पूर्व चलती थी अंडरग्राउंड माइंस
स्थानीय जानकारों ने बताया कि दशकों पूर्व इस इलाके में खदान चलती थी. निजी ठेकेदारों को कोयला निकालने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. 1965-66 तक इस इलाके से कोयला निकाला गया, लेकिन इलाके को ठीक से भरा नहीं गया. फलस्वरूप बरसात में जमीन धंसने की घटना घटती है. वहीं, कुछ स्थानीय लोग बताते हैं कि कुछ वर्ष पूर्व में यहां पर अवैध रूप से कोयला भी निकाला गया था. अवैध कोयला खनन के कारण भी यह इलाका खोखला हुआ है. बताया की अब यह सड़क एनएच के जिम्मे है, जिसका इस ओर ध्यान नहीं है.