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कोरोना इफेक्टः किराए पर वाहन चलाने वालों पर दोगुनी मार, फाइनेंसर लगातार EMI का बना रहे दबाव - गिरिडीह समाचार

कोरोना ने कई लोगों को बेरोजगार कर दिया है. कई लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे ही खराब स्थिति से वैसे लोग गुजर रहे हैं जिनका घर चारपहिया वाहन को किराए पर चलाने से चलता था. गिरिडीह में भी किराए पर वाहन चलाने वाले लोगों पर फाइनेंसर ईएमआई का दबाव बना रहे हैं.

giridih drivers facing economic problem due to lockdown in jharkhand
किराए पर वाहन चलाने वालों पर दोगुनी मार
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Published : May 15, 2021, 1:36 PM IST

Updated : May 15, 2021, 1:52 PM IST

गिरिडीहः कोरोना के कहर ने सभी वर्गों की कमर तोड़ दी है. सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां ठप हैं. ऐसे में चारपहिया वाहन को किराए पर चलाने वाले संचालकों और ड्राइवर की स्थिति अच्छी नहीं है. इस कोरोना काल में इन्हें लगातार किराया नहीं मिल रहा है. ऐसे में इनकी माली हालत कुछ अच्छी नहीं है. किराया कम मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है. उस पर फाइनेंसर का प्रेशर है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कैब संचालक और उनके चालकों की स्थिति समझने का प्रयास किया. गिरिडीह शहर और उससे सटे इलाके के ऐसे लोगों से बात की जिनका घर किराए के पैसे से ही चलता है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- शुक्र है इंसानियत तेरी कौम नहीं होती...हिंदू रीति से कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे तीन मुस्लिम युवक


फाइनेंसर देते हैं धमकी
वाहन चलने वाले मिन्हाज बताते हैं कि पिछले वर्ष से ही उन लोगों की हालत खराब है. इस बार लगा कि कुछ सुधार होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोग किराए के वाहनों पर चलने से कतराने लगे हैं. ऐसे में किराया मिल नहीं रहा और उसके ऊपर फाइनेंस कंपनियों की ओर से ईएमआई के लिए लगातार दबाव दिया जाता है. फोन पर हमेशा धमकी दी जाती है. अब तो एक ईएमआई बाकी रहने पर सरकारी बैंक के की ओर से भी धमकियां दी जा रही है.

वैवाहिक कार्यक्रम में पाबंदियों से भी बिगड़े हालात
कैब संचालक और ड्राइवरों का कहना हैं कि इस वर्ष 22 अप्रैल से वैवाहिक कार्यक्रम थे और मार्च तक कोरोना संक्रमण भी कम दिख रहा था. ऐसे में लगा कि वाहनों का किराया मिलेगा और न सिर्फ समय पर किस्त जमा कर सकेंगे बल्कि घर की गाड़ी भी बेहतर तरीके से चलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वाहन को फाइनेंसर खींच चुके हैं.

सरकार से लगाई गुहार
वाहन संचालकों का कहना है कि जो स्थिति बन रही है उससे बेरोजगारी बढ़ेगी. ऐसे में सरकार को उनकी तरफ भी ध्यान देना चाहिए. कम से कम कोरोना काल में बैंक और फाइनेंसर तंग नहीं करें, इसे लेकर लेकर पहल करनी चाहिए.

गिरिडीहः कोरोना के कहर ने सभी वर्गों की कमर तोड़ दी है. सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां ठप हैं. ऐसे में चारपहिया वाहन को किराए पर चलाने वाले संचालकों और ड्राइवर की स्थिति अच्छी नहीं है. इस कोरोना काल में इन्हें लगातार किराया नहीं मिल रहा है. ऐसे में इनकी माली हालत कुछ अच्छी नहीं है. किराया कम मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है. उस पर फाइनेंसर का प्रेशर है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कैब संचालक और उनके चालकों की स्थिति समझने का प्रयास किया. गिरिडीह शहर और उससे सटे इलाके के ऐसे लोगों से बात की जिनका घर किराए के पैसे से ही चलता है.

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फाइनेंसर देते हैं धमकी
वाहन चलने वाले मिन्हाज बताते हैं कि पिछले वर्ष से ही उन लोगों की हालत खराब है. इस बार लगा कि कुछ सुधार होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोग किराए के वाहनों पर चलने से कतराने लगे हैं. ऐसे में किराया मिल नहीं रहा और उसके ऊपर फाइनेंस कंपनियों की ओर से ईएमआई के लिए लगातार दबाव दिया जाता है. फोन पर हमेशा धमकी दी जाती है. अब तो एक ईएमआई बाकी रहने पर सरकारी बैंक के की ओर से भी धमकियां दी जा रही है.

वैवाहिक कार्यक्रम में पाबंदियों से भी बिगड़े हालात
कैब संचालक और ड्राइवरों का कहना हैं कि इस वर्ष 22 अप्रैल से वैवाहिक कार्यक्रम थे और मार्च तक कोरोना संक्रमण भी कम दिख रहा था. ऐसे में लगा कि वाहनों का किराया मिलेगा और न सिर्फ समय पर किस्त जमा कर सकेंगे बल्कि घर की गाड़ी भी बेहतर तरीके से चलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वाहन को फाइनेंसर खींच चुके हैं.

सरकार से लगाई गुहार
वाहन संचालकों का कहना है कि जो स्थिति बन रही है उससे बेरोजगारी बढ़ेगी. ऐसे में सरकार को उनकी तरफ भी ध्यान देना चाहिए. कम से कम कोरोना काल में बैंक और फाइनेंसर तंग नहीं करें, इसे लेकर लेकर पहल करनी चाहिए.

Last Updated : May 15, 2021, 1:52 PM IST
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