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गिरिडीह: लॉकडाउन में पैदल ही घर जा रहे मजदूर, भूखे पेट कई किलोमीटर चलने को मजबूर - giridih coronavorus

कोरोनावायरस को लेकर पूरे देश में सबसे ज्यादा परेशानी रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले उन मजदूरों को है रही है जो दूसरे प्रदेशों में जाकर अपना गुजारा करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह जहां हैं वहीं फंस गए हैं. ऐसे में कई मजदूर ऐसे हैं जो पैदल ही अपने घरों की ओर निकल गए हैं.

गिरिडीह में मजदूर की हालत
Giridih administration
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Published : Mar 29, 2020, 9:07 AM IST

गिरिडीह: कोविड-19 के प्रकोप और देश भर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद गरीब मजदूर भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं. बेबसी की हालात में मजदूर पैदल ही घर की तरफ निकल पड़े हैं और दो चार सौ किलोमीटर का सफर पैदल कंधे पर सामान का बोझ लेकर चलने को मजबूर हैं.

देखें पूरी खबर

खाने के पड़े लाले

इसी तरह मजदूरों का यह जत्था झारखंड के देवघर से लातेहार जिला के लिए पैदल ही निकल पड़ा है. 20-22 की संख्या में मजदूर देवघर स्थित पुनासी डेम में मजदूरी का काम करते थे. लॉकडाउन के बाद कुछ दिन तक इनलोगों ने देवघर में गुजारा किया, लेकिन जब इनके सामने खाने के लाले पड़ गए तो ये मजबूर होकर पैदल ही अपने घर लातेहार की ओर निकल पड़े.

ये भी पढ़ें-कोरोना संकट: सुसाइड मिशन पर गुमला के लोग! सोशल डिस्टेंसिंग को दिखा रहे ठेंगा

मजदूरों ने सुनाई आपबीती

मजदूरों ने बताया कि वो सुबह देवघर से निकले थे और शाम को बेंगाबाद बाजार पहुंचे, जहां उसने अपनी समस्या देवघर और लातेहार प्रशासन को भी सुनाई, लेकिन उनके लिए कोई उचित पहल नहीं की गई, जिसके बाद ये लोग पैदल ही लातेहार के लिए देवघर से जंगलों के रास्ते सफर करते हुए बेंगाबाद पहुंचे.

प्रशासान ने नहीं की मदद

बेंगाबाद पहुंचने के बाद इसकी सूचना गिरिडीह जिला प्रशासन को भी दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं दिया गया. हालांकि, कई लोगों का कहना है कि मजदूर जहां हैं वहीं रहें प्रशासन उनके खाने पीने के व्यवस्था करेगी, बावजूद इसके लोग अपने घर पैदल ही जा रहे हैं.

गिरिडीह: कोविड-19 के प्रकोप और देश भर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद गरीब मजदूर भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं. बेबसी की हालात में मजदूर पैदल ही घर की तरफ निकल पड़े हैं और दो चार सौ किलोमीटर का सफर पैदल कंधे पर सामान का बोझ लेकर चलने को मजबूर हैं.

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खाने के पड़े लाले

इसी तरह मजदूरों का यह जत्था झारखंड के देवघर से लातेहार जिला के लिए पैदल ही निकल पड़ा है. 20-22 की संख्या में मजदूर देवघर स्थित पुनासी डेम में मजदूरी का काम करते थे. लॉकडाउन के बाद कुछ दिन तक इनलोगों ने देवघर में गुजारा किया, लेकिन जब इनके सामने खाने के लाले पड़ गए तो ये मजबूर होकर पैदल ही अपने घर लातेहार की ओर निकल पड़े.

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मजदूरों ने सुनाई आपबीती

मजदूरों ने बताया कि वो सुबह देवघर से निकले थे और शाम को बेंगाबाद बाजार पहुंचे, जहां उसने अपनी समस्या देवघर और लातेहार प्रशासन को भी सुनाई, लेकिन उनके लिए कोई उचित पहल नहीं की गई, जिसके बाद ये लोग पैदल ही लातेहार के लिए देवघर से जंगलों के रास्ते सफर करते हुए बेंगाबाद पहुंचे.

प्रशासान ने नहीं की मदद

बेंगाबाद पहुंचने के बाद इसकी सूचना गिरिडीह जिला प्रशासन को भी दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं दिया गया. हालांकि, कई लोगों का कहना है कि मजदूर जहां हैं वहीं रहें प्रशासन उनके खाने पीने के व्यवस्था करेगी, बावजूद इसके लोग अपने घर पैदल ही जा रहे हैं.

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