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गिरिडीह मेयर के खिलाफ FIR, फर्जी कागजात के सहारे जाति प्रमाण पत्र बनाने का है आरोप

गिरिडीह नगर निगम के मेयर मुसीबत से घिर गए हैं. मेयर के खिलाफ मुफस्सिल थाना में जालसाजी की एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप गलत कागजातों के सहारे जाति प्रमाण पत्र बनाने का है.

FIR against Giridih Mayor for making caste certificate with fake paper
मेयर
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Published : Mar 3, 2020, 10:55 PM IST

गिरिडीह: गलत कागजात के सहारे जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में गिरिडीह नगर निगम के मेयर सुनील कुमार पासवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह प्राथमिकी गिरिडीह के अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा की लिखित शिकायत पर मुफस्सिल थाना में दर्ज की गई है. प्राथमिकी दर्ज होते ही सुनील कुमार पासवान की मेयर कुर्सी खतरे में पड़ गई है. हालांकि मेयर ने इन आरोपों को गलत बताया है. एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस जांच में जुट गई है.

देखें पूरी खबर
बिहार के स्थायी निवासी को झारखंड में आरक्षण का लाभ नहींप्राथमिकी में गलत और भ्रामक दस्तावेजों पर जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिहार के स्थायी निवासी को झारखंड राज्य में एसी/एसटी आरक्षण का लाभदेय नहीं है.

मेयर पासवान बिहार के वैशाली जिले के महनार थाना क्षेत्र के जलालपुर के स्थायी निवासी है. इस संबंध में उच्च न्यायालय झारखंड रांची की 24 फरवरी 2020 को पारित आदेश में भी इस तथ्य को सम्पुष्ट किया गया है. इसके अतिरिक्त राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड रांची ने उनके यहां संधारित वाद संख्या 04/2020 में दिनांक-17 फरवरी 2020 को भी इस संबंध में आदेश पारित किया गया है.

प्रमाण पत्र निरस्त
दर्ज कराए गए प्राथमिकी में सीओ ने कहा है कि आदिवासी कल्याण झारखंड रांची ने जाति छानबीन समिति झारखंड रांची के अनुशंसा एवं कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग झारखंड रांची के निर्देशानुसार गिरिडीह के शीतलपुर निवासी सुनील कुमार पासवान पिता परमेश्वर पासवान के नाम से निर्गत जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है.

ये भी देखें- कोडरमा पुलिस की कामयाबी, 24 घंटे के अंदर लाखों की चोरी करने वाले 3 चोर गिरफ्तार

नहीं किया फर्जीवाड़ा: सुनील
इधर, मेयर सुनील कुमार पासवान ने कहा कि किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा उन्होंने नहीं किया है. मेरे पास जो दस्तावेज थे वह मैनें दिया था. कोई गलत और भ्रामक दस्तावेज नहीं दिए थे. सीओ ने दस्तावेजों की जांच कर जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया था, मैं जाति का दुसाध हूं.

गिरिडीह: गलत कागजात के सहारे जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में गिरिडीह नगर निगम के मेयर सुनील कुमार पासवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह प्राथमिकी गिरिडीह के अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा की लिखित शिकायत पर मुफस्सिल थाना में दर्ज की गई है. प्राथमिकी दर्ज होते ही सुनील कुमार पासवान की मेयर कुर्सी खतरे में पड़ गई है. हालांकि मेयर ने इन आरोपों को गलत बताया है. एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस जांच में जुट गई है.

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बिहार के स्थायी निवासी को झारखंड में आरक्षण का लाभ नहींप्राथमिकी में गलत और भ्रामक दस्तावेजों पर जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिहार के स्थायी निवासी को झारखंड राज्य में एसी/एसटी आरक्षण का लाभदेय नहीं है.

मेयर पासवान बिहार के वैशाली जिले के महनार थाना क्षेत्र के जलालपुर के स्थायी निवासी है. इस संबंध में उच्च न्यायालय झारखंड रांची की 24 फरवरी 2020 को पारित आदेश में भी इस तथ्य को सम्पुष्ट किया गया है. इसके अतिरिक्त राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड रांची ने उनके यहां संधारित वाद संख्या 04/2020 में दिनांक-17 फरवरी 2020 को भी इस संबंध में आदेश पारित किया गया है.

प्रमाण पत्र निरस्त
दर्ज कराए गए प्राथमिकी में सीओ ने कहा है कि आदिवासी कल्याण झारखंड रांची ने जाति छानबीन समिति झारखंड रांची के अनुशंसा एवं कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग झारखंड रांची के निर्देशानुसार गिरिडीह के शीतलपुर निवासी सुनील कुमार पासवान पिता परमेश्वर पासवान के नाम से निर्गत जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है.

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नहीं किया फर्जीवाड़ा: सुनील
इधर, मेयर सुनील कुमार पासवान ने कहा कि किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा उन्होंने नहीं किया है. मेरे पास जो दस्तावेज थे वह मैनें दिया था. कोई गलत और भ्रामक दस्तावेज नहीं दिए थे. सीओ ने दस्तावेजों की जांच कर जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया था, मैं जाति का दुसाध हूं.

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