गिरिडीह: झारखंड राज्य कृषक मित्र महासंघ के आह्वन पर जिलेभर के कृषक मित्र आंदोलनरत हैं. संघ के सदस्य पिछले तीन दिनों से गिरिडीह में जेएमएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर डटे हुए हैं. आंदोलन के तीसरे दिन गुरुवार को कृषक मित्रों ने शहर में कैंडल मार्च निकाला और सरकार से अपनी नाराजगी प्रदर्शित की. इस दौरान कृषक मित्र संघ के जिलाध्यक्ष ने राज्य सरकार एवं सरकार के नुमाइंदों पर उदासीनता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कृषक मित्र हक की मांग कर रहे हैं मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
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सम्मानजनक मानदेय की मांग: कृषक मित्रों ने कहा कि बीते पांच अक्टूबर से कृषक मित्र संघ सत्ताधारी दल के नुमाइंदों के आवास एवं कार्यालय के सामने अनशन कर रहे हैं. मगर किसी ने उनकी तरफ अब तक ध्यान नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि बीते 13 वर्षों से कृषक मित्र विभिन्न कार्यों में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. कृषक मित्रों को मानदेय के नाम पर एक हजार रुपये दिए जाते हैं. सरकार समय समय पर कृषक मित्रों से कई तरह के काम ले रही है. मगर उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे कृषक मित्रों के सामने काफी विकट स्थिति उत्त्पन्न हो गयी है. उन्होंने कृषक मित्रों के लिए सम्मानजनक मानदेय की मांग सरकार से की है.
तीन सूत्री मांग के लिए कर रहे अनशन: कृषक मित्रों ने बताया गया कि अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर संघ ने आंदोलन छेड़ रखा है. जिनमें मुख्य रूप से कृषक मित्रों को जनसेवक के पद पर 50 प्रतिशत का आरक्षण, कृषक मित्रों का स्थायीकरण एवं मानदेय लागू की मांग शामिल है. कृषक मित्रों का कहना है कि जब तक इनकी मांग पूरी नहीं की जाती है आंदोलन जारी रहेगा.