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Tribal protest in Jharkhand: रेल पटरी पर बैठे आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्ता, पारसनाथ को आदिवासियों का तिर्थस्थल घोषित करने की मांग - Giridih news

आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारसनाथ पर्वत को आदिवासियों का तिर्थस्थल घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. शनिवार को झारखंड के गिरिडीह जिले के साथ साथ जामताड़ा, दुमका सहित कई जिलों में रेल चक्का जाम किया और रेलवे पटरी पर बैठकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को रखा.

Parasnath place of pilgrimage for tribals
रेल पटरी पर बैठे आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्ता
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Published : Feb 11, 2023, 3:50 PM IST

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गिरिडीहः पारसनाथ आदिवासी समाज के लिए मरांग बुरु है. ऐसे में अपने अधिकार की मांग को लेकर आदिवासी समाज की ओर से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. शनिवार को आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले झारखंड के गिरिडीह जिले के साथ साथ दुमका, जामताड़ा सहित कई जिलों में रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया.

यह भी पढ़ेंः आदिवासी सेंगेल अभियान के तहत चांडिल रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक जाम, कई ट्रेनों का परिचालन हुआ बाधित

इस आंदोलन के तहत आदिवासी समुदाय के लोगों ने जिले के पारसनाथ रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पर पहुंचे और प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, डीएसपी मो साजिद, पुलिस इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर, नवीन कुमार पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. पुलिस प्रशासन ने कहा कि आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा. इसके बाद प्रदर्शनकारी पटरी से हटे.

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता चंद्र मोहन मरांडी और आनंद टुडू ने कहा कि पारसनाथ उनके लिए मरांग बुरु है और सदियों से आदिवासी समाज यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. आदिवासियों के रग रग में पारसनाथ बसा हुआ है. इसके बावजूद हेमंत सरकार ने लिखित तौर पर पूरे पारसनाथ को जैन समुदाय को सौंप दिया है. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अभियान के नेता सालखन मुर्मू ने आंदोलन शुरू किया है. आंदोलन के तहत शनिवार को झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम में रेल रोको आंदोलन किया गया. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आगे भी चलेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सरना कोड की मांग लगातार कर रहे हैं. इस मांग पर भी हमें छला जा रहा है.

आंदोलन के दौरान आदिवासी सेंगल अभियान के बोकारो जोन के जोनल संयोजक आनंद टूडू, झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा, चंद्रमोहन मरांडी, डुमरी प्रखंड के मुख्य संयोजक अनिल हांसदा, डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू, डुमरी प्रखंड संयोजक सुमित्रा, बृजेश, कौशल्या टुडू, जागेश्वर मुर्मू, गणेश मरांडी, हरिनारायण मुर्मू सहित दर्जनों की संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष शामिल थे. आंदोलन को देखते हुए गिरिडीह एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ, इंस्पेक्टर के अलावा कई अधिकारियों की तैनाती की गई थी.

आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के आह्वान पर शनिवार को दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में पत्ताबाड़ी मोड़ और कालीपाथर गांव के पास सड़क जाम किया गया. इससे यातायात व्यवस्था बाधित हो गई. प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सड़क जाम होने की वजह से दर्जनों स्टोन चिप्स लदे ट्रक और यात्री बस सड़क के दोनों किनारे खड़ी रही और यात्री परेशान होते रहे. आदिवासी सेंगल अभियान के दुमका जिला अध्यक्ष सुनील मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ मरांग बुरु को अविलंब संथाल आदिवासियों को सौंपा जाए.

जामताड़ा में भी आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारसनाथ पर्वत को आदिवासियों का तिर्थस्थल घोषित करने की मांग को लेकर काशीटॉड हाल्ट पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और रेलवे पटरी पर प्रदर्शन कर रेल चक्का जाम किया. इससे घंटों ट्रेन परिचालन बाधित रहा.

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गिरिडीहः पारसनाथ आदिवासी समाज के लिए मरांग बुरु है. ऐसे में अपने अधिकार की मांग को लेकर आदिवासी समाज की ओर से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. शनिवार को आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले झारखंड के गिरिडीह जिले के साथ साथ दुमका, जामताड़ा सहित कई जिलों में रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया.

यह भी पढ़ेंः आदिवासी सेंगेल अभियान के तहत चांडिल रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक जाम, कई ट्रेनों का परिचालन हुआ बाधित

इस आंदोलन के तहत आदिवासी समुदाय के लोगों ने जिले के पारसनाथ रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पर पहुंचे और प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, डीएसपी मो साजिद, पुलिस इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर, नवीन कुमार पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. पुलिस प्रशासन ने कहा कि आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा. इसके बाद प्रदर्शनकारी पटरी से हटे.

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता चंद्र मोहन मरांडी और आनंद टुडू ने कहा कि पारसनाथ उनके लिए मरांग बुरु है और सदियों से आदिवासी समाज यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. आदिवासियों के रग रग में पारसनाथ बसा हुआ है. इसके बावजूद हेमंत सरकार ने लिखित तौर पर पूरे पारसनाथ को जैन समुदाय को सौंप दिया है. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अभियान के नेता सालखन मुर्मू ने आंदोलन शुरू किया है. आंदोलन के तहत शनिवार को झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम में रेल रोको आंदोलन किया गया. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आगे भी चलेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सरना कोड की मांग लगातार कर रहे हैं. इस मांग पर भी हमें छला जा रहा है.

आंदोलन के दौरान आदिवासी सेंगल अभियान के बोकारो जोन के जोनल संयोजक आनंद टूडू, झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा, चंद्रमोहन मरांडी, डुमरी प्रखंड के मुख्य संयोजक अनिल हांसदा, डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू, डुमरी प्रखंड संयोजक सुमित्रा, बृजेश, कौशल्या टुडू, जागेश्वर मुर्मू, गणेश मरांडी, हरिनारायण मुर्मू सहित दर्जनों की संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष शामिल थे. आंदोलन को देखते हुए गिरिडीह एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ, इंस्पेक्टर के अलावा कई अधिकारियों की तैनाती की गई थी.

आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के आह्वान पर शनिवार को दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में पत्ताबाड़ी मोड़ और कालीपाथर गांव के पास सड़क जाम किया गया. इससे यातायात व्यवस्था बाधित हो गई. प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सड़क जाम होने की वजह से दर्जनों स्टोन चिप्स लदे ट्रक और यात्री बस सड़क के दोनों किनारे खड़ी रही और यात्री परेशान होते रहे. आदिवासी सेंगल अभियान के दुमका जिला अध्यक्ष सुनील मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ मरांग बुरु को अविलंब संथाल आदिवासियों को सौंपा जाए.

जामताड़ा में भी आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारसनाथ पर्वत को आदिवासियों का तिर्थस्थल घोषित करने की मांग को लेकर काशीटॉड हाल्ट पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और रेलवे पटरी पर प्रदर्शन कर रेल चक्का जाम किया. इससे घंटों ट्रेन परिचालन बाधित रहा.

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