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गिरिडीह: जल संचय के लिए श्रमदान कर हो रहा तालाब का गहरीकरण, किसानों को होगा फायदा - श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण

गिरिडीह में बगोदर प्रखंड के गैडाही गांव में श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण किया जा रहा. एकता परिषद जन संगठन के ओर से आदिवासी बहुल गांव में श्रमदान के तहत तालाब का गहरीकरण किया जा रहा. श्रमदान करने वाले मजदूरों को खाद्य सामग्री कीट मुहैया कराया जाएगा.

Deepening of pond by doing shramdaan in Giridih
तालाब का गहरीकरण
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Published : Mar 21, 2021, 4:05 PM IST

गिरिडीह: जल संरक्षण और भूमि विकास को लेकर एकता परिषद जन संगठन के ओर से बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव गैडाही में श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण किया जा रहा. जन संगठन एकता परिषद के नेतृत्व में तालाब गहरीकरण कार्य के लिए पांच दिवसीय श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत रविवार से हुई.

देखें पूरी खबर

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श्रमदान कर रहे मजदूरों ने बताया कि गर्मी के शुरू होते ही तालाब सुख गया है, श्रमदान से इसका गहरीकरण किया जा रहा है, ताकि तालाब में पानी रह सके. इस संबंध में एकता परिषद जन संगठन के संरक्षक रामस्वरूप ने बताया कि जल संरक्षण एवं भूमि विकास सहित कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए श्रमदान के तहत तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि श्रमदान करने वाले मजदूरों को खाद्य सामग्री कीट मुहैया कराया जाएगा, तालाब में मिट्टी भर जाने से इसमें सालों भर पानी नहीं रहता है, इससे न सिर्फ कृषि कार्य में परेशानियां होती है, बल्कि जानवरों को भी गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए भटकना पड़ता है, तालाब के गहरीकरण होने के बाद खेतों में हरियाली लाने के साथ मछली पालन कर आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.

गिरिडीह: जल संरक्षण और भूमि विकास को लेकर एकता परिषद जन संगठन के ओर से बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव गैडाही में श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण किया जा रहा. जन संगठन एकता परिषद के नेतृत्व में तालाब गहरीकरण कार्य के लिए पांच दिवसीय श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत रविवार से हुई.

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श्रमदान कर रहे मजदूरों ने बताया कि गर्मी के शुरू होते ही तालाब सुख गया है, श्रमदान से इसका गहरीकरण किया जा रहा है, ताकि तालाब में पानी रह सके. इस संबंध में एकता परिषद जन संगठन के संरक्षक रामस्वरूप ने बताया कि जल संरक्षण एवं भूमि विकास सहित कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए श्रमदान के तहत तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि श्रमदान करने वाले मजदूरों को खाद्य सामग्री कीट मुहैया कराया जाएगा, तालाब में मिट्टी भर जाने से इसमें सालों भर पानी नहीं रहता है, इससे न सिर्फ कृषि कार्य में परेशानियां होती है, बल्कि जानवरों को भी गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए भटकना पड़ता है, तालाब के गहरीकरण होने के बाद खेतों में हरियाली लाने के साथ मछली पालन कर आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.

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