गिरिडीहः बेंच डेस्क खरीद में हुई गड़बड़ी की जांच में तीन अधिकारियों की टीम जुटी हुई है. दूसरी तरफ इस मामले को लेकर वायरल हुए तीन ऑडियो में से एक ऑडियो को लेकर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है. प्राथमिकी में इस गड़बड़ी के केंद्र बिंदू के चर्चा में रहे मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक सिन्हा और पूरे मामले को सभी के सामने लानेवाले महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव पर एफआईआर दर्ज हुई है. अब इस प्राथमिकी के बाद झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पद से मवि बदडीहा के प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक सिन्हा को हटा दिया गया है.
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तनुप्रिया बनी कार्यकारी अध्यक्षः इस मामले की जानकारी झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक मिश्रा ने दी. बताया कि बेंच डेस्क खरीद में गड़बड़ी का मामला सामने आने और उनके संघ के जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगने के बाद संघ ने दीपक को पदमुक्त कर दिया है. इनके स्थान पर संघ की वरीय उपाध्यक्ष तनु प्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. अशोक ने कहा कि आगे इस प्रकारण पर संघ की नजर है. कहा कि बच्चों के हक से समझौता कोई भी करे संघ इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.
मुखिया ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजाः दूसरी तरफ मानकों को ताक पर नियम के विरुद्ध बेंच डेस्क की खरीद करने के मामले को सभी के सामने लाने में अहम भूमिका निभाने वाले महेशलुंडी पंचायत के मुखिया शिवनाथ साव ने उनके ऊपर दर्ज हुई प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने आवाज बुलंद की तो उन्हें ही निशाना बना दिया गया. वे तो यह बताना चाहते थे कि स्कूलों में बेंच डेस्क की खरीदी में गड़बड़ी करने वाले किस तरह आलाधिकारी के साथ साथ जनप्रतिनिधि के नाम का दुरूपयोग कर रहे हैं. शिवनाथ ने सोशल मिडिया में पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में कहा है कि इस देश में सच बोलने वालों को सच्चाई पर मलाल है, जिसने सच कहा उसका बुरा हाल है. यह भी कहा है बिचौलियों के साथ मिलकर जिस तरह की गड़बड़ी हुी है, उस पर वे खामोश नहीं बैठेंगे. बच्चों के अधिकार का हनन नहीं होने दिया जाएगा. यह लड़ाई उनकी जारी रहेगी.
यहां बता दें कि बैंच डेस्क खरीद में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद सबसे पहले ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रकाशित किया. इतना ही नहीं सभी पक्ष की बातों को भी खबर के माध्यम से सामने लाया गया. इस बीच डीसी ने इसे काफी गंभीरता से लिया और पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया. टीम ने जांच शुरू की है, अभी वायरल ऑडियो को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. अब खरीद में किस तरह से मानक का उल्लंघन हुआ इसकी जांच हो रही है. साथ ही साथ गुणवत्ता की जांच की जा रही है. इधर गड़बड़ी के सबूत को मिटाने में भी बिचौलिए लगे हुए हैं. हालांकि जांच टीम इन बातों पर भी नजर रखी हुई है.