गिरिडीहः जिला के तिसरी प्रखंड के तहत मनसाडीह पंचायत के सक्सेकिया जंगल के पास रखवा माइका खदान में अवैध खनन के दौरान हादसा हुआ. मंगलवार की दोपहर खदान धंसान से दो युवक सतीश कुमार और रंजीत राय लगभग कई फीट नीचे दब गए. घटना में बचे 8-10 मजदूरों ने इसकी जानकारी लोगों को दी, जिसके बाद बुधवार को प्रशासन हरकत में आया. बुधवार को प्रशासन की टीम यहां पहुंची. शव की तलाश में ग्रामीण खदान के अंदर भी गए. सुबह लगभग 10 बजे से शाम छह बजे तक दबे हुए मजदूरों की खोज की गई, दोनों की नहीं मिली.
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9 घंटे की मजदूरी डेढ़ सौ रुपये
अपने पुत्रों की लाश मिलने की उम्मीद में परिजन खदान के पास ही टकटकी लगाकर बैठे हैं. मृतक सतीश के पिता बालेश्वर राणा ने बताया कि उसके पुत्र को डेढ़ सौ रुपया मजदूरी मिलता था. इसी मजदूरी के लिए उसका पुत्र पांच सौ फीट के इस अवैध खदान में दाखिल होता था. यह भी बताया कि यहां पर पिछले पांच वर्षों से अवैध खदान चलता है. वहीं दूसरे मृतक के पिता ने बताया कि उसके बेटा दो सौ रुपया मजदूरी मिलता था और इस रकम के एवज में सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खदान में काम करना पड़ता था.
एनडीआरएफ-सीसीएल को लिखा गया पत्र
दूसरी ओर इस घटना की जानकारी मिलने के बाद डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने बचाव टीम के लिए एनडीआरएफ और सीसीएल को पत्र लिखा है. घटना को लेकर जांच करने खोरी महुआ के एसडीएम धीरेंद्र सिंह और डीएसपी संतोष कुमार मिश्र और डीएमओ सतीश नायक मौके पर पहुंचे. इनसे पहले वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय पुलिस भी पहुंची. यहां अधिकारियों ने मृतकों की जानकारी ली. इस खदान के संचालकों के संदर्भ में भी पड़ताल की. एसडीएम ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि अवैध रूप से अभ्रख का खदान का संचालन हो रहा था. इस खदान में दबने से दो मजदूरों की बात कही जा रही है, अभी मामले की जांच चल रही है.
फरार है खनन माफिया
मृतक के परिजनों ने बताया कि इस खदान का संचालन कारू, शलेंद्र, मुन्ना और पिंटू नामक व्यक्तियों की ओर से किया जा रहा था. इनके इशारे पर ही मजदूरों को खदान में घुसाया जाता था. इस घटना के बाद सभी फरार हैं.