गिरिडीहः जिला में गावां प्रखंड के गावां, अमतरो और सेरूआ पंचायत में मनरेगा कर्मियों और दलालों के गठजोड़ से मनरेगा योजना में सरकारी राशि की बंदरबांट की जा रही है. सबसे ज्यादा गड़बड़ी अमतरो पंचायत में देखने को मिल रही है. यहां सुदूरवर्ती इलाकों में संचालित मनरेगा योजनाओं में कई प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर गावां बीडीओ मधु कुमारी ने मंगलवार को कई योजनाओं की जांच की. इस दौरान गावां के एक खेल मैदान सहित अमतरो पंचायत के जंगली इलाकों में संचालित मनरेगा योजनाआं का हाल जाना. जांच के क्रम में बीडीओ ने रोजगार सेवक और मुखिया को योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर जमकर फटकार लगाई.
गड़बड़ी को लेकर कइयों को शो-कॉज
बीडीओ मधु कुमारी ने बताया अमतरो और गावां में गड़बड़ी की शिकायत पर दो दिनों से लगातार इन दो पंचायतों में योजनाओं की जांच मैं स्वयं कर रही हूं. गावां में एक खेल मैदान में ज्यादा राशि की निकासी हो चुकी है, जबकि वहां काम बहुत कम हुआ. इसी तरह अमतरो में भी संचालित खेल मैदान योजना में गड़बड़ी देखने को मिली है. इस दोनों मामले में संबंधित पंचायतों के मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक सहित मनरेगा बीपीओ को शो-कॉज किया गया है.
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बीडीओ ने उग्रवाद प्रभावित डूमरझारा में सुनी लोगों की समस्याएं
इसी तरह मंगलवार को गावां बीडीओ मधु कुमारी योजनाओं के निरीक्षण के दौरान अति उग्रवाद प्रभावित गांव डूमरझारा भी पहुंचीं. डूमरझारा में वर्ष 2013 के बाद पहली बार कोई पदाधिकारी के पहुंचने पर वहां के ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की. डूमरझारा गांव प्रखंड मुख्यालय से 22 किमी दूर घने जंगल में बिहार की सीमा पर स्थित है. इस गांव से प्रखंड मुख्यालय आने के लिए पक्की सड़क भी नहीं है. वहीं तीन नदियों को पार करके यहां के लोग प्रखंड मुख्यालय आते हैं. इस गांव में कई नक्सली घटनाएं भी हो चुकी हैं. इस कारण इस गांव में कभी कोई पदाधिकारी आते नहीं है. गावां बीडीओ के वहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को रखते हुए उग्रवाद प्रभावित अपने गांव में आने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया. बीडीओ ने भी ग्रामीणों की मांग पर वहां आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की पहल करने समेत मनरेगा के तहत गांव में तालाब बनवाने का आश्वासन दिया.