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गिरिडीह: नौकरी के नाम पर ठगी का मामला दर्ज, 11 महीने तक काम कराकर वेतन नहीं देने का आरोप - गिरिडीह में ठगी का मामला दर्ज

गिरीडीह जिले में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला थाने में दर्ज कराया गया है. दर्ज कराई गई प्रथमिकी में आरोप लगाया गया है कि 11 माह तक काम करवाया गया है और अभी तक वेतन नहीं दिया है. बता दें कि इस मामले में नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष को अभियुक्त बनाया गया है.

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नौकरी के नाम पर ठगी
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Published : Jul 14, 2020, 1:57 AM IST

गिरिडीह: जिले में नौकरी देने के नाम पर ठगी किया गया है. इस मामले को लेकर पचंबा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कांड में नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष को अभियुक्त बनाया गया है.

नौकरी के नाम पर ठगी
जिल में नौकरी के नाम पर ठगी करने और काम करवाने के बाद वेतन नहीं देने का एक मामला सामने आया है. इसे लेकर पचंबा थाना क्षेत्र के तिवारीडीह के सरस्वती (पिता भरत दास) की तरफ से पचंबा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. प्राथमिकी में नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बेंगाबाद थाना क्षेत्र के तेलोनारी के मो. सुल्तान एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर की शिल्पा मिश्रा को नामजद अभिुक्त बनाया गया है.

दर्ज कराई गई प्रथमिकी
दर्ज कराए गए प्राथमिकी में सरस्वती ने कहा है कि वह नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष की तरफ से उसे सुपरवाइजर के पद पर 7 हजार 500 रुपये प्रतिमाह की वेतन पर रखा गया था. इसके साथ ही उसे कार्य के रूप में 40 शिक्षक एवं शिक्षिका जिले में कहीं भी नियुक्त करने का आदेश दिया था. मो. सुल्तान अंसारी एवं शिल्पा मिश्रा की तरफ से उसे बोला गया था कि शिक्षक रखने के एवज में 5 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेना है और इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग देना है. इसके बदले शिक्षक का कार्य यह होगा कि वह अपने घर पर ही 10 बच्चे को ट्यूशन का कार्य नि:शुल्क करेंगे. इसके बाद मो. सुल्तान ने उससे कहा कि शिक्षकों के पास पढ़ रहे बच्चों का 350 रुपये प्रति बच्चा रजिस्ट्रेशन फीस दिजिए. इसके बाद बच्चों को एक साल तक मुफ्त ट्यूशन दिया जाएगा और 10 हजार रुपये प्रति बच्चा मिलेगा. इस लोभ के कारण सभी बच्चे 350 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देकर शिक्षक के घर पढ़ने के लिए जाने लगे.

इसे भी पढ़ें-गिरिडीहः शिकंजे में आया लूट का आरोपी, पुलिस ने कार्रवाई कर भेजा जेल

40 शिक्षकों का कराया निबंधन
सरस्वती का कहना है कि वह अपना काम करते हुए 40 शिक्षक का रजिस्ट्रेशन कराई और सारा पैसा संस्था में जमा कर दी. सरस्वती ने कहा कि उसे भी एक बार एकांउट में वेतन के रूप में 7 हजार 500 रुपये मिला. इसके आलावा पांच शिक्षक को मात्र एक ही माह का वेतन मिला. इसके बाद बच्चों और शिक्षकों की संख्या बढ़ जाने के बाद न तो उसे वेतन मिला और न ही शिक्षक को वेतन मिला. सात महिना से उन्हें सिर्फ समय दिया जा रहा है कि अगले माह वेतन दिया जाएगा. इस संबंध में पचंबा पुलिस का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.

गिरिडीह: जिले में नौकरी देने के नाम पर ठगी किया गया है. इस मामले को लेकर पचंबा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कांड में नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष को अभियुक्त बनाया गया है.

नौकरी के नाम पर ठगी
जिल में नौकरी के नाम पर ठगी करने और काम करवाने के बाद वेतन नहीं देने का एक मामला सामने आया है. इसे लेकर पचंबा थाना क्षेत्र के तिवारीडीह के सरस्वती (पिता भरत दास) की तरफ से पचंबा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. प्राथमिकी में नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बेंगाबाद थाना क्षेत्र के तेलोनारी के मो. सुल्तान एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर की शिल्पा मिश्रा को नामजद अभिुक्त बनाया गया है.

दर्ज कराई गई प्रथमिकी
दर्ज कराए गए प्राथमिकी में सरस्वती ने कहा है कि वह नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष की तरफ से उसे सुपरवाइजर के पद पर 7 हजार 500 रुपये प्रतिमाह की वेतन पर रखा गया था. इसके साथ ही उसे कार्य के रूप में 40 शिक्षक एवं शिक्षिका जिले में कहीं भी नियुक्त करने का आदेश दिया था. मो. सुल्तान अंसारी एवं शिल्पा मिश्रा की तरफ से उसे बोला गया था कि शिक्षक रखने के एवज में 5 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेना है और इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग देना है. इसके बदले शिक्षक का कार्य यह होगा कि वह अपने घर पर ही 10 बच्चे को ट्यूशन का कार्य नि:शुल्क करेंगे. इसके बाद मो. सुल्तान ने उससे कहा कि शिक्षकों के पास पढ़ रहे बच्चों का 350 रुपये प्रति बच्चा रजिस्ट्रेशन फीस दिजिए. इसके बाद बच्चों को एक साल तक मुफ्त ट्यूशन दिया जाएगा और 10 हजार रुपये प्रति बच्चा मिलेगा. इस लोभ के कारण सभी बच्चे 350 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देकर शिक्षक के घर पढ़ने के लिए जाने लगे.

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40 शिक्षकों का कराया निबंधन
सरस्वती का कहना है कि वह अपना काम करते हुए 40 शिक्षक का रजिस्ट्रेशन कराई और सारा पैसा संस्था में जमा कर दी. सरस्वती ने कहा कि उसे भी एक बार एकांउट में वेतन के रूप में 7 हजार 500 रुपये मिला. इसके आलावा पांच शिक्षक को मात्र एक ही माह का वेतन मिला. इसके बाद बच्चों और शिक्षकों की संख्या बढ़ जाने के बाद न तो उसे वेतन मिला और न ही शिक्षक को वेतन मिला. सात महिना से उन्हें सिर्फ समय दिया जा रहा है कि अगले माह वेतन दिया जाएगा. इस संबंध में पचंबा पुलिस का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.

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