गिरिडीहः भारतीय रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने और कोरोना महामारी की आड़ में मोदी सरकार द्वारा भारतीय रेलवे को बेचने के खिलाफ गुरुवार को बगोदर में आइसा-इनौस ने प्रतिवाद किया. सरिया रोड स्थित स्मृति भवन में रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और रेलवे के निजीकरण को तत्काल वापस लेने की मांग की.
रेलवे के निजीकरण को तत्काल वापस लेने की मांग
गुरुवार को जिले के बगोदर में भारतीय रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने और मोदी सरकार द्वारा भारतीय रेलवे को बेचने के खिलाफ आइसा-इनौस ने प्रतिवाद किया. सरिया रोड स्थित स्मृति भवन में रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए रेलवे के निजीकरण को तत्काल वापस लेने की मांग की.
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रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने का फैसला
मौके पर इनौस के राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने 150 से अधिक प्राइवेट ट्रेनें चलाने और रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने का फैसला किया है. मोदी सरकार का यह फैसला देश की रीढ़ पर चोट करने जैसा है. संदीप जायसवाल ने रेलवे की निजीकरण को अविलंब वापस लेने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि मांग जल्द वापस न लेने पर आंदोलन करेंगे. मौके पर इनौस जिला सह सचिव पूरन कुमार महतो, पंकज कुमार महतो, डेगलाल महतो, रवि कुमार, जितेंद्र कुमार, रामरतन शर्मा, हेमलाल महतो आदि शामिल थे.
रेलवे का निजीकरण
गौरतलब है कि रेलवे ने बुधवार को अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिये निजी इकाइयों को अनुमति देने की योजना पर औपचारिक रूप से कदम उठाया है. इसके तहत यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही को लेकर 109 मार्गों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिये परिचालन के लिए पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गये हैं. इसके लिए प्राइवेट पार्टीज को 30 हजार करोड़ का निवेश करना होगा. पहली बार रेलवे में यात्री ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट पार्टी को आमंत्रित किया गया है.