गिरिडीह: जिले के गावां-तिसरी प्रखंड में बेशकीमती पत्थरों का अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है. इस खनन पर रोक लगाने को लेकर सोमवार को वन विभाग ने कार्यवाई की.
बैरल पत्थर के 20 खदान ध्वस्त
गिरिडीह के गावां वन क्षेत्र के असुरहड्डी जंगल में अवैध रूप से संचालित बैरल पत्थर के 20 खदानों को वन विभाग ने सोमवार को ध्वस्त कर दिया. यह कार्रवाई रेंजर अनिल कुमार के नेतृत्व में की गयी. बताया जाता है कि असुरहड्डी और डुब्बा के जंगली इलाकों में कीमती पत्थर पाए जाते हैं. इन पत्थरों की मांग राजस्थान के जयपुर में काफी अधिक है. ऐसे में इन पत्थरों का अवैध खनन भी होता रहता है. कई लोग इस खनन में जुटे रहते हैं. खदान से पत्थर को निकालने से लेकर बाजार तक पहुंचाने का काम भी होता है.
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जंगल में पत्थर का उत्खनन
अवैध खनन की सूचना पर सोमवार को वन विभाग रेस हुआ और डोजरिंग की गई, लेकिन वन विभाग को कोई सफलता नहीं मिली. इस मामले में पहले भी कार्रवाई हुई है और गिरिडीह-कोडरमा के कई लोगों को नामजद भी किया गया. इसके बावजूद यहां अवैध कारोबार चलता रहा. रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान सूचना मिली कि डुब्बा जंगल में पत्थर का उत्खनन हो रहा है. इसके बाद टीम गठित कर लोकाय थाना प्रभारी के सहयोग से डोजरिंग किया गया. पत्थर उत्खनन करने वालों की पहचान की जा रही है. शीघ्र ही वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.