ETV Bharat / state

बिरहोर बच्चों के लिए बनाया गया छात्रावास बना मवेशियों का चारागाह, तैयार भवन का आज तक नहीं हुआ उद्घाटन

बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों रुपए की लागत से बिरहोर बच्चों के लिए बनाया गया छात्रावास भवन मवेशियों का चारागाह बनकर रह गया है. बिरहोर बच्चों के लिए डेढ़-दो साल से बनाए जाने के बावजूद इस छात्रावास का उद्घाटन नहीं होने से इसकी यह हालत हुई है.

छात्रावास बना चारागाह
author img

By

Published : Oct 1, 2019, 11:53 PM IST

गिरिडीहः जिले के बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों रूपए की लागत से बिरहोर बच्चों के लिए बनाया गया छात्रावास भवन मवेशियों का चारागाह बनकर रह गया है. आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए बनाए गए छात्रावास का उद्घाटन नहीं होने से इसके उद्देश्य पर जहां सवाल उठ रहे हैं वहीं भवन के खिड़की- दरवाजे भी टूटने लगे हैं.

देखें पूरी खबर


छात्रावास बना चारागाह
बता दें कि डेढ़-दो साल पहले ही आदिम जनजाति बिरहोर के बच्चों के लिए भवन बनकर तैयार हो गया है. मगर अबतक यह चालू नहीं हुआ है. इसी कारण छात्रावास परिसर इन दिनों मवेशियों के लिए चारागाह बना हुआ है. यहां मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है और वे चारा चरते रहते हैं.

ये भी पढ़ें- गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किए आर्थिक सुधार के आंकड़े, पटना में बाढ़ के सवाल पर साधी चुप्पी


छात्रावास से 30- 40 किमी की दूरी में बसे हैं आदिम जनजाति
तिरला पंचायत में आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए यहां छात्रावास कैसे बना इसकी जानकारी यहां के जन प्रतिनिधियों को भी नहीं है. हालांकि छात्रावास से 30 से 40 किमी की दूरी में ही आदिम जनजाति बिरहोरों की आबादी बसी हुई है. बगोदर प्रखंड के अटका अंतर्गत बूढ़ाचांच, बिरहोर, धरगुल्ली पंचायत के कारीचट्टान, बिरहोर टंडा और सरिया प्रखंड के अमनारी, मंदरामो और पीपराडीह में बिरहोरों की आबादी है.

ये भी पढ़ें- महात्मा गांधी ने 'बापू कुटीर' में बिताया था घंटों वक्त, जायसवाल परिवार की यादें अब तक हैं ताजा


विधायक और पूर्व विधायक ने जताई आपत्ति
इस संबंध में बगोदर विधायक नागेंद्र महतो और पूर्व विधायक विनोद सिंह ने यहां छात्रावास बनाए जाने पर आपत्ति जताई है. विधायक नागेंद्र महतो ने बताया कि छात्रावास को आदिम जनजाति के इलाके में न बनाकर यहां बनाया जाना इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा कर रहा है. उन्होंने बताया कि मामले को विधानसभा में भी उठाया गया है.


वहीं, पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में छात्रावास बनाए जाने की स्वीकृति दी गई थी. आदिम जनजाति बिरहोर के इलाके अमनारी में भवन बनना था. उस समय बगोदर और सरिया एकीकृत प्रखंड था. छात्रावास जब दो- तीन साल पहले बनना शुरू हुआ था, उस समय इसके उद्देश्य पर सवाल उठाया गया था और तत्कालीन डीसी से शिकायत के साथ अखबारों के माध्यम से इसका विरोध जताया था. इधर, विधायक नागेंद्र महतो के विधायक प्रतिनिधि राजू सिंह ने भी बिरहोर इलाके में छात्रावास नहीं बनाए जाने पर इसके उदेश्यों पर सवाल खड़ा किया है.

गिरिडीहः जिले के बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों रूपए की लागत से बिरहोर बच्चों के लिए बनाया गया छात्रावास भवन मवेशियों का चारागाह बनकर रह गया है. आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए बनाए गए छात्रावास का उद्घाटन नहीं होने से इसके उद्देश्य पर जहां सवाल उठ रहे हैं वहीं भवन के खिड़की- दरवाजे भी टूटने लगे हैं.

देखें पूरी खबर


छात्रावास बना चारागाह
बता दें कि डेढ़-दो साल पहले ही आदिम जनजाति बिरहोर के बच्चों के लिए भवन बनकर तैयार हो गया है. मगर अबतक यह चालू नहीं हुआ है. इसी कारण छात्रावास परिसर इन दिनों मवेशियों के लिए चारागाह बना हुआ है. यहां मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है और वे चारा चरते रहते हैं.

ये भी पढ़ें- गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किए आर्थिक सुधार के आंकड़े, पटना में बाढ़ के सवाल पर साधी चुप्पी


छात्रावास से 30- 40 किमी की दूरी में बसे हैं आदिम जनजाति
तिरला पंचायत में आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए यहां छात्रावास कैसे बना इसकी जानकारी यहां के जन प्रतिनिधियों को भी नहीं है. हालांकि छात्रावास से 30 से 40 किमी की दूरी में ही आदिम जनजाति बिरहोरों की आबादी बसी हुई है. बगोदर प्रखंड के अटका अंतर्गत बूढ़ाचांच, बिरहोर, धरगुल्ली पंचायत के कारीचट्टान, बिरहोर टंडा और सरिया प्रखंड के अमनारी, मंदरामो और पीपराडीह में बिरहोरों की आबादी है.

ये भी पढ़ें- महात्मा गांधी ने 'बापू कुटीर' में बिताया था घंटों वक्त, जायसवाल परिवार की यादें अब तक हैं ताजा


विधायक और पूर्व विधायक ने जताई आपत्ति
इस संबंध में बगोदर विधायक नागेंद्र महतो और पूर्व विधायक विनोद सिंह ने यहां छात्रावास बनाए जाने पर आपत्ति जताई है. विधायक नागेंद्र महतो ने बताया कि छात्रावास को आदिम जनजाति के इलाके में न बनाकर यहां बनाया जाना इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा कर रहा है. उन्होंने बताया कि मामले को विधानसभा में भी उठाया गया है.


वहीं, पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में छात्रावास बनाए जाने की स्वीकृति दी गई थी. आदिम जनजाति बिरहोर के इलाके अमनारी में भवन बनना था. उस समय बगोदर और सरिया एकीकृत प्रखंड था. छात्रावास जब दो- तीन साल पहले बनना शुरू हुआ था, उस समय इसके उद्देश्य पर सवाल उठाया गया था और तत्कालीन डीसी से शिकायत के साथ अखबारों के माध्यम से इसका विरोध जताया था. इधर, विधायक नागेंद्र महतो के विधायक प्रतिनिधि राजू सिंह ने भी बिरहोर इलाके में छात्रावास नहीं बनाए जाने पर इसके उदेश्यों पर सवाल खड़ा किया है.

Intro:करोड़ों की लागत से बने भवन बना चारागाह, आदिम जनजाति बिरहोर के बच्चों के लिए बना है भवन

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों रूपए की लागत से बने आलिशान भवन मवेशियों का चारागाह बनकर रह गया है. आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए बनाए गए छात्रावास का उद्घाटन नहीं होने से इसके उद्देश्य पर जहां सवाल उठ रहे हैं वहीं भवन के खिड़की- दरवाजे भी टूटने लगे हैं. बताया जाता है कि डेढ़- दो साल पूर्व हीं आदिम जनजाति बिरहोर के बच्चों के लिए भवन बनकर तैयार हो गया है. मगर अबतक यह चालू नहीं हुआ है. छात्रावास परिसर इन दिनों मवेशियों के लिए चारागाह बना हुआ है. यहां मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है एवं वे चारा चरते हैं.


छात्रावास से 30- 40 किमी की दूरी में बसे हैं आदिम जनजाति

इसमें दिलचस्प बात यह है कि तिरला पंचायत में आदिम जनजाति बिरहोर बच्चों के लिए यहां छात्रावास कैसे बना इसकी जानकारी यहां के जन प्रतिनिधियों को भी नहीं है. चूंकि छात्रावास से 30 से 40 किमी की दूरी में आदिम जनजाति बिरहोरों की आबादी बसी हुई है. बगोदर प्रखंड के अटका अंतर्गत बूढ़ाचांच बिरहोर ठंडा, धरगुल्ली पंचायत के कारीचट्टान बिरहोर टंडा एवं सरिया प्रखंड के अमनारी, मंदरामो एवं पीपराडीह में बिरहोरों की आबादी है.


विधायक एवं पूर्व विधायक ने जताई आपत्ति

इस संबंध में बगोदर विधायक नागेंद्र महतो एवं पूर्व विधायक विनोद सिंह ने यहां छात्रावास बनाए जाने पर आपत्ति जताई है. विधायक नागेंद्र महतो ने बताया कि छात्रावास को आदिम जनजाति के इलाके में न बनाकर यहां बनाया जाना इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा कर रहा है. बताया कि मामले को मैंने विधान सभा में भी उठाया था. पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि मेरे कार्यकाल में छात्रावास बनाए जाने की स्वीकृति हुई थी. आदिम जनजाति बिरहोर के इलाके अमनारी में भवन बनना था. उस समय बगोदर और सरिया एकीकृत प्रखंड था. छात्रावास जब दो- तीन साल पहले बनना शुरू हुआ था, उस समय मैंने इसके उद्देश्य पर सवाल उठाया था और तत्कालीन डीसी से शिकायत के साथ अखबारों के माध्यम से इसका विरोध जताया था. इधर विधायक नागेंद्र महतो के विधायक प्रतिनिधि राजू सिंह ने भी बिरहोर इलाके में छात्रावास नहीं बनाए जाने पर इसके उदेश्यों पर सवाल खड़ा किया है.



Conclusion:पूर्व विधायक विनोद सिंह

विधायक प्रतिनिधि राजू सिंह
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.