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खानाबदोश बच्चे के शरीर में थी खून की कमी, नहीं मिला समुचित इलाज, मौत - झारखंड न्यूज

गिरिडीह में खून की कमी की वजह से एक खानाबदोश बच्चे की मौत हो गयी. जांच के दौरान पता चला की बच्चे के शरीर में मात्र 1.6 ग्राम ब्लड थी.

खून की कमी से बच्चे की मौत
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Published : Jun 24, 2019, 7:48 AM IST

गिरिडीह: जिले में सिस्टम की लापरवाही और खून की कमी की वजह से समुचित इलाज के अभाव में निहायत गरीब खानाबदोश बच्चे की मौत हो गयी. घटना सरिया प्रखंड इलाके की है.

एसडीएम राम कुमार मंडल का बयान
बताया जाता है कि मसोमात सहोदरी देवी का 11 वर्षीय बेटा मनीष कुमार की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गयी. बच्चे को लेकर परिजन सरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. लेकिन अस्पताल गेट में ताला लटका हुआ था. मजबूरन बीमार बच्चे को लेकर उनके परिजन अस्पताल गेट पर ही रोने लगे.

वहीं, स्थानीय लोगों ने मानवता दिखाते हुए बच्चे को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया. जांच के दौरान पता चला कि बच्चे के शरीर में मात्र 1.6 ग्राम ब्लड थी. शरीर में ब्लड की कमी होने के कारण उसके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी तो कुछ युवक आगे आये और ब्लड दिया.

ब्लड चढ़ाने के बाद भी जब बच्चे की हालात में सुधार नहीं हुआ तो बेहतर इलाज के लिए सरिया अस्पताल पहुंचे. जहां बच्चे की मृत्यु हो गई. इस मौत के बाद यह भी साफ हुआ कि बच्चा कुपोषित था. ऐसे में लोगों ने सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.

वहीं, घटना की सूचना पाकर सरिया अनुमंडल पदाधिकारी राम कुमार मंडल भी खानाबदोश परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. उन्होंने अस्पताल में इमरजेंसी के लिए चिकित्सक नहीं रहने पर चिंता जताते हुए कहा कि 24 घंटे डॉक्टर की सुविधा रहे इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा.

गिरिडीह: जिले में सिस्टम की लापरवाही और खून की कमी की वजह से समुचित इलाज के अभाव में निहायत गरीब खानाबदोश बच्चे की मौत हो गयी. घटना सरिया प्रखंड इलाके की है.

एसडीएम राम कुमार मंडल का बयान
बताया जाता है कि मसोमात सहोदरी देवी का 11 वर्षीय बेटा मनीष कुमार की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गयी. बच्चे को लेकर परिजन सरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. लेकिन अस्पताल गेट में ताला लटका हुआ था. मजबूरन बीमार बच्चे को लेकर उनके परिजन अस्पताल गेट पर ही रोने लगे.

वहीं, स्थानीय लोगों ने मानवता दिखाते हुए बच्चे को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया. जांच के दौरान पता चला कि बच्चे के शरीर में मात्र 1.6 ग्राम ब्लड थी. शरीर में ब्लड की कमी होने के कारण उसके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी तो कुछ युवक आगे आये और ब्लड दिया.

ब्लड चढ़ाने के बाद भी जब बच्चे की हालात में सुधार नहीं हुआ तो बेहतर इलाज के लिए सरिया अस्पताल पहुंचे. जहां बच्चे की मृत्यु हो गई. इस मौत के बाद यह भी साफ हुआ कि बच्चा कुपोषित था. ऐसे में लोगों ने सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.

वहीं, घटना की सूचना पाकर सरिया अनुमंडल पदाधिकारी राम कुमार मंडल भी खानाबदोश परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. उन्होंने अस्पताल में इमरजेंसी के लिए चिकित्सक नहीं रहने पर चिंता जताते हुए कहा कि 24 घंटे डॉक्टर की सुविधा रहे इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा.

Intro:गिरिडीह। खून की कमी और उसपर गरीबी ऐसे में सिस्टम की लापरवाही के कारण समुचित इलाज के अभाव में निहायत गरीब खानाबदोश बच्चे की मौत हो गयी. घटना सरिया प्रखंड इलाके की है.Body:मृतक बच्चा11 वर्षीय मनीष कुमार है. बताया जाता है कि मसोमात सहोदरी देवी का लगभग 11 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गयी. बच्चे को लेकर परिजन सरिया अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन अस्पताल गेट में ताला लटका हुआ था. मजबूरन बीमार बच्चे को लेकर उनके परिजन अस्पताल गेट पर ही रोने लगे. स्थानीय लोगों की नजर इस परिवार पर पड़ी तो लोगों ने मानवता दिखाते हुवे बच्चे को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया. बच्चे की जांच की गयी तो मनीष के शरीर में मात्र 1.6 ग्राम खून पाया गया. उसके शरीर में खून की कमी होने के कारण उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी, कुछ युवक आगे आये और खून भी दिया.
ब्लड चढ़ाने के बाद भी जब बच्चे की हालात में सुधार नहीं हुआ तो निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में ले जाने की बात कही. इसके परिजन पुन: बीमार बच्चे को लेकर सरिया अस्पताल पहुंचे. जहां बच्चे की मृत्यु हो गई.
इस मौत के बाद यह भी साफ हुआ कि बच्चा कुपोषित था. ऐसे में लोगों ने सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. Conclusion:वहीं घटना की सूचना पाकर सरिया अनुमंडल पदाधिकारी राम कुमार मंडल भी खानाबदोश परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल अनाज मुहैया करवाया. एसडीएम ने सरिया अस्पताल में इमरजेंसी के लिए चिकित्सक नहीं रहने पर चिता जतायी और कहा कि 24 घंटे डॉक्टर की सुविधा रहे इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा.

बाइट: रामकुमार मंडल, एसडीएम
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