गढ़वा: सरकार की बेरुखी के बाद जिले के डंडई प्रखंड के ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और आपसी सहयोग से सालों से खस्ताहाल एक किलोमीटर लंबी सड़क को बनाकर मिसाल पेश की है.
गांव में दशकों पहले एक सड़क बनवाई गई थी. यह सड़क खस्ताहाल होकर पगडंडी की तरह संकरी हो गई थी. इस पर चार पहिया वाहन तो दूर साइकिल और मोटरसाइकिल से गुजरना भी जोखिमपूर्ण हो गया था. ग्रामीण सालों से इस सड़क के निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद ग्रामीणों में एक बार फिर से आस जगी. उन्होंने सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि तक से सड़क बनवाने की गुहार लगाई पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. आखिरकार ग्रामीण थक हार कर बैठ गए. झारखंड में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन गांव की सड़क की सूरत नहीं बदली.
ग्रामीणों ने दिखायी एकता
इधर बरसात के इन दिनों में जब गांव का संपर्क इलाके से कटने लगा तब ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाई और ग्रामीणों ने गांव के सक्षम लोगों से सहायता मांगी. साथ ही खुद अपने हाथों में कुदाल-फावड़ा उठा लिया. ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि जबतक गांव की करीब एक किलोमीटर लंबी खराब सड़क का निर्माण नहीं कर लेते हैं तब तक वे न तो कोई दूसरा काम करेंगे और न ही चैन की सांस लेंगे.
ये भी पढ़ें-हिमाचल प्रदेश : अब किन्नौर पर चीन की नजर, नो मेंस लैंड के करीब पहुंचाई सड़क
समाजसेवी, उप मुखिया, वार्ड पार्षद ने किया सहयोग
गांव के समाज सेवी सूर्यदेव चौधरी ने ग्रामीणों की मांग पर सड़क निर्माण के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर उपलब्ध कराया. इसके माध्यम से मिट्टी की व्यवस्था की गई. उपमुखिया अमेरिका चौधरी, वार्ड पार्षद मनीष चौधरी ने भी यथा संभव सहयोग किया. ग्रामीण चुनमुन चौधरी, प्रदीप चौधरी, शोभनाथ चौधरी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने श्रमदान कर कच्ची सड़क की निर्माण कराई. समाजसेवी सूर्यदेव चौधरी ने कहा कि अब इसी तरीके से गांव की अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा.