गढ़वा: नगर परिषद बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. पार्षदों ने नगर परिषद क्षेत्र की सफाई के लिए लागू किए गए नए व्यवस्था को समाप्त करते हुए सफाई की पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग की है.
गढ़वा नगर परिषद बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. नई व्यवस्था के अनुसार नगर परिषद प्रतिमाह 4 लाख रुपए आकांक्षा नामक स्वयंसेवी संस्था को देती है. संस्था केवल 10 वार्ड में ही सूखा कचड़ा का उठाव कर पाता है, जबकि 11 वार्ड सफाई से वंचित रह जा रहे हैं. इसको लेकर पार्षदों ने नगर परिषद क्षेत्र की सफाई के लिए लागू किए गए नए व्यवस्था को समाप्त करते हुए सफाई की पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग की.
21 वार्डो में से सिर्फ 10 वार्ड से ही कचरा उठाव
बता दें कि झारखंड नगर विकास विभाग राज्य के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में सर्वे, असेसमेंट और टैक्स कलेक्शन का कार्य स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी यानी सुडा के माध्यम से करा रही है. सुडा ने गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में घर-घर से सूखा कचरा उठाने का एग्रीमेंट आकांक्षा इंटरप्राइजेज नामक एनजीओ से किया है. गढ़वा नगर परिषद आकांक्षा को कचड़ा उठाने के लिए प्रतिमाह 4 लाख रुपए देती है, लेकिन आकांक्षा मात्र 10 वार्डों से ही कचरा का उठाव कर रही है, बाकी के 11 वार्डो से गंदगी का उठाव नहीं हो रहा है, जबकि नगर परिषद के अधिकतर सफाई कर्मी आकांक्षा की योजना अनुसार काम कर रहे हैं. इसी बात को लेकर बैठक में हंगामा शुरू हो गया.
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एजेंसी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
कार्यपालक पदाधिकारी सह एसडीओ प्रदीप कुमार ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा आकांक्षा की ओर से प्रस्तुत किया गया सफाई का बिल काफी बढ़ाकर बनाया गया है. जिसका भुगतान असंभव है. उनके बिल की जांच कराई जा रही है. साथ ही उन्हें सफाई कार्यों में सुधार लाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. उनकी रवैया ठीक नहीं हुआ तो, नगर परिषद अपने विभाग को सूचित करेगी.