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कस्तूरबा मामले के यौन शोषण के मुख्य आरोपी ने किया समर्पण, पीड़िता की करायी गयी मेडिकल जांच

गढ़वा में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मझिआंव मामले में मुख्य आरोपी चंदन महतो ने कोर्ट में समर्पण कर दिया है. चंदन महतो पर छात्रा के साथ यौन शोषण का आरोप है, जिसके बाद पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था. मामले को दबाने के लिए बच्चे को मझिआंव अस्पताल की नर्स ने अपने पास रख लिया था. फिलहाल बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया है.

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Published : Dec 21, 2019, 9:09 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 9:39 PM IST

The main accused in the Kasturba Gandhi Residential School case surrendered
कान्सेप्ट इमेज

गढ़वा: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मझिआंव मामले में मुख्य आरोपी चंदन महतो ने कोर्ट में समर्पण कर दिया. दरअसल, चंदन पर यौन शोषण का आरोप है जिससे एक छात्रा गर्भवती हो गई थी. जिसके बाद मझिआंव अस्पताल में जन्मे छात्रा के बच्चे को छह महीने से अपना बताकर पाल रही नर्स ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. वहीं, पुलिस ने पीड़ित छात्रा का मेडिकल जांच कराकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. इसकी जानकारी गढ़वा एसडीपीओ बहामन टूटी ने दी है.

ये भी पढ़ें-2016 में हुए दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, देखें राजधानी के लोगों की प्रतिक्रिया

क्या है पूरा मामला

बता दें कि बरडीहा प्रखंड के ओबरा गांव का युवक चंदन महतो एक नाबालिग लड़की के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण कर रहा था. इस दौरान वह गर्भवती हो गई और 26 जून 2019 को मझिआंव अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया. वहीं, लड़की की इज्जत का ख्याल रखते हुए इस मामले को दबा दिया गया. बच्चे को नर्स निर्मला परवरिस के नाम पर अपने पास रख लिया था.

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने किया खुलासा

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने 6 माह बाद इस मामले का खुलासा किया. मीडिया में मामला उछलने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गयी. एसडीपीओ बहामन टूटी ने इसकी जांच की जिसके बाद पीड़ित छात्रा को थाना लाया गया और उसके बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. प्राथमिकी में विद्यालय की तत्कालीन वार्डेन स्नेह लता सिंह, अध्यक्ष लालबहादुर, बरडीहा प्रखंड के ओबरा गांव के युवक चंदन मेहता, सरकारी अस्पताल के डॉ गोविंद सेठ, नर्स निर्मला कुमारी को अभियुक्त बनाया गया है.

गढ़वा: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मझिआंव मामले में मुख्य आरोपी चंदन महतो ने कोर्ट में समर्पण कर दिया. दरअसल, चंदन पर यौन शोषण का आरोप है जिससे एक छात्रा गर्भवती हो गई थी. जिसके बाद मझिआंव अस्पताल में जन्मे छात्रा के बच्चे को छह महीने से अपना बताकर पाल रही नर्स ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. वहीं, पुलिस ने पीड़ित छात्रा का मेडिकल जांच कराकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. इसकी जानकारी गढ़वा एसडीपीओ बहामन टूटी ने दी है.

ये भी पढ़ें-2016 में हुए दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, देखें राजधानी के लोगों की प्रतिक्रिया

क्या है पूरा मामला

बता दें कि बरडीहा प्रखंड के ओबरा गांव का युवक चंदन महतो एक नाबालिग लड़की के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण कर रहा था. इस दौरान वह गर्भवती हो गई और 26 जून 2019 को मझिआंव अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया. वहीं, लड़की की इज्जत का ख्याल रखते हुए इस मामले को दबा दिया गया. बच्चे को नर्स निर्मला परवरिस के नाम पर अपने पास रख लिया था.

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने किया खुलासा

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने 6 माह बाद इस मामले का खुलासा किया. मीडिया में मामला उछलने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गयी. एसडीपीओ बहामन टूटी ने इसकी जांच की जिसके बाद पीड़ित छात्रा को थाना लाया गया और उसके बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. प्राथमिकी में विद्यालय की तत्कालीन वार्डेन स्नेह लता सिंह, अध्यक्ष लालबहादुर, बरडीहा प्रखंड के ओबरा गांव के युवक चंदन मेहता, सरकारी अस्पताल के डॉ गोविंद सेठ, नर्स निर्मला कुमारी को अभियुक्त बनाया गया है.

Intro:गढ़वा। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मझिआंव मामले में शनिवार को मुख्य आरोपी चंदन मेहता ने कोर्ट में समर्पण कर दिया। वहीं छह माह से छात्रा के बच्चे को अपना बताकर पाल रही आरोपी नर्स ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दी। वहीं पुलिस ने पीड़िता छात्रा का मेडिकल जांच कराकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। इसकी जानकारी गढ़वा एसडीपीओ बहामन टूटी ने दी है।


Body:बता दूं कि बरडीहा प्रखण्ड के ओबरा गांव का युवक चंदन महतो गांव की ही एक नाबालिग लड़की के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण कर रहा था। उसके बाद उस लड़की का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय मझिआंव में करा दिया गया। लड़की जब घर जाती थी तो उक्त युवक उसे खेत में ले जाकर गलत काम करता था। इस दौरान वह गर्भवती हो गयी थी और 26 जून 2019 को मझिआंव अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दी थी। लड़की की इज्जत का ख्याल रखते हुए इस मामले को दबा दिया गया था। जन्मे बच्चे को नर्स निर्मला परवरिस के नाम पर अपने पास रख ली थी।


Conclusion:चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा 6 माह बाद इस मामले का खुलाशा किया गया। मीडिया में मामला उछलने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गयी। एसडीपीओ बहामन टूटी ने इसकी जांच की। पीड़ित छात्रा को थाना लाया गया और उसके बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी। प्राथमिकी में विद्यालय की तत्कालीन वार्डेन स्नेह लता सिंह, अध्यक्ष लालबहादुर, बरडीहा प्रखण्ड के ओबरा गांव के युवक चंदन मेहता,सरकारी अस्पताल के चिकित्सक डॉ गोविंद सेठ, नर्स निर्मला कुमारी को अभियुक्त बनाया गया है।
फोटो-सीडब्ल्यूसी को सौंपा गया बच्चा
Last Updated : Dec 21, 2019, 9:39 PM IST
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