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गढ़वा: मजदूरों की मौत पर परिजनों का विरोध प्रदर्शन, बीडीओ-सीओ ने समझा कर हटाया जाम - गढ़वा में शव के साथ प्रदर्शन

गढ़वा के कल्याणपुर गांव के तीन मजदूरों की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल के पास सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया. सूचना के बाद मौके पर बीडीओ और सीओ पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझा कर जाम हटाया.

protest after death of three workers in Garhwa
मजदूरों की मौत के बाद परिजनों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Jul 21, 2020, 7:49 PM IST

गढ़वा: कल्याणपुर गांव के तीन मजदूरों की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है. परिजनों ने पुलिस के सामने ही सदर अस्पताल में रखे शव को उठाकर सड़क पर ले आये और सड़क जाम कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों की स्वभाविक मौत नहीं है. उन्हें मारा गया है.

एनएच को जाम करने के बाद ग्रामीण पुलिस­-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. उनका कहना था कि मजदूरों की मौत दम घुटने से नहीं हुई है, बल्कि करंट लगने से हुई है. ग्रामीण इसकी जांच के लिए घटनास्थल पर गए थे. जहां सेफ्टी टैंक में बिजली की तार लटक रही थी. जिसे बाद में हटा लिया गया था. साथ ही कहा कि मृतक ही अपने घर के इकलौते कमाने वाले थे. उनके मरने के बाद परिवार के सदस्यों का भरण पोषण की समस्या आ गयी है. उनको देखने वाला कोई नहीं है. प्रशासन इस पर ध्यान दे. इसलिए सड़क जाम किया गया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- बासुकीनाथ मंदिर में लॉकडाउन का असर, श्रद्धालुओं के नहीं आने से पुरोहितों के सामने रोजी रोटी की समस्या

सड़क जाम की खबर सुनकर गढ़वा के बीडीओ और सीओ वहां पहुंच गए. दोनों पदाधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायतें सुनी. ग्रामीणों ने मृतक के आश्रितों को 5 लाख रुपये मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है. साथ ही मौत के सही कारण की जांच कराने की भी मांग की गई है. पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास देने और आश्रित की बेटियों की कस्तूरबा विद्यालय में शिक्षा दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें मना लिया. इसके बाद जाम हटा लिया गया है.

गढ़वा: कल्याणपुर गांव के तीन मजदूरों की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है. परिजनों ने पुलिस के सामने ही सदर अस्पताल में रखे शव को उठाकर सड़क पर ले आये और सड़क जाम कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों की स्वभाविक मौत नहीं है. उन्हें मारा गया है.

एनएच को जाम करने के बाद ग्रामीण पुलिस­-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. उनका कहना था कि मजदूरों की मौत दम घुटने से नहीं हुई है, बल्कि करंट लगने से हुई है. ग्रामीण इसकी जांच के लिए घटनास्थल पर गए थे. जहां सेफ्टी टैंक में बिजली की तार लटक रही थी. जिसे बाद में हटा लिया गया था. साथ ही कहा कि मृतक ही अपने घर के इकलौते कमाने वाले थे. उनके मरने के बाद परिवार के सदस्यों का भरण पोषण की समस्या आ गयी है. उनको देखने वाला कोई नहीं है. प्रशासन इस पर ध्यान दे. इसलिए सड़क जाम किया गया है.

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