गढ़वाः सीआइपी रांची के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन ने गढ़वा के लोगों को जागरूक किया. उन्होंने कहा कि नशा के कारण मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है. डिप्रेशन की रफ्तार यही रही तो यह रोग डायबिटीज से भी आगे निकल जाएगी और सबसे बड़े रोग के रूप में अपनी पहचान और स्थान बना लेगी. जरूरत है इसके लक्षण को पहचानने और त्वरित इलाज कराने की.
मानसिक रोग होने के मुख्यतः तीन कारण होते हैंः एक जिनके परिवार में पहले से मानसिक रोगी हैं तो उनके वंशज में मानसिक रोगी होने की संभावना रहती है. लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है. दूसरा कारण घर में बच्चों की परवरिश है. बच्चों पर ध्यान नहीं देने या उन्हें बहुत फ्री छोड़ देने पर उनके अंदर तरह तरह के मनोभाव विकसित होते हैं और बाद में मानसिक रोग के रूप में उन्हें चिन्हित किया जाता है. तीसरी वजह आसपास का माहौल है. तेज आवाज होने के कारण या लड़ाई झगड़ा होने के कारण भी लोगों पर इसका गहरा असर पड़ता है. इस कारण भी व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार बन जाता है.
डॉक्टर ने कहा कि मानसिक रोग की जांच के लिए कोई मशीन नहीं बनी है. इसकी जांच केवल उसके लक्षण देख कर की जाती है. कोई व्यक्ति बहुत चिंता में है, बेचैनी में है, भीड़ से दूर भागता हो, चिड़चिड़ापन का शिकार हो, उदास रहता हो, डिप्रेशन में हो, बार-बार हाथ धोता हो तो ऐसे लोगों को मानसिक रोग से ग्रसित माना जाता है और इसका इलाज किया जाता है. मानसिक रोग होने पर इसका तत्काल इलाज कराना चाहिए. इसमें विलंब नहीं करना चाहिए. इसके इलाज में जितना विलंब किया जाता है उतने ही अधिक दिन उसकी दवा खानी पड़ती है. उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक रोग ठीक होने वाला रोग है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मानसिक रोग को बढ़ाने में नशा की अहम भूमिका है. लोगों को नशा से दूर रहने की जरूरत है. क्योंकि नशा व्यक्ति के मानसिक स्थिति को पूरी तरह से बदल देती है.
गढ़वा में खुलेगा नशा मुक्ति केंद्रः इस मौके पर क्लीनिक स्क्रीन के निदेशक शक्ति सिंह ने कहा कि क्षेत्र में काफी संख्या में मानसिक रोगी पाए जाते हैं. नशा करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है. नशा मुक्ति के लिए लोगों को बाहर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि गढ़वा में नशा मुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया है और इसकी तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां नशा मुक्ति केंद्र खोला जाएगा और प्रयास किया जाएगा कि यहां के लोगों का इलाज यहीं हो जाए.