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गढ़वा में मॉब लिंचिंगः ओझा-गुनी बताकर दो लोगों को बांधकर पीटा, एक की मौत

गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाने के बुका गांव में ओझा बताकर दो ग्रामीणों को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. इसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि दूसरा जख्मी हो गया.

गढ़वा में मॉब लिंचिंग
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Published : Jun 17, 2021, 11:03 PM IST

गढ़वा: जिले के भवनाथपुर थाने के बुका गांव में ओझा बताकर दो ग्रामीणों को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. इसमें घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को हिरासत में लिया है.

ये भी पढ़ें-ओलंपिक में गोल्ड के लिए जान लगाएंगी झारखंड की बेटियां सलीमा और निक्की, टोक्यो ओलंपिक के लिए महिला हॉकी टीम में चयन


पुलिस के मुताबिक, भवनाथपुर थाने के बुका गांव के पनियारी टोला के दलित विश्वनाथ पासवान और आदिवासी अदालत सिंह को गांव के लोगों ने पकड़कर रस्सी से बांध दिया. इस दौरान लोगों ने दोनों को ओझा-गुनी बताकर रस्सी में बांधा और बेरहमी से पीटा. इस पिटाई में दोनों बुरी तरह घायल हो गए. बाद में दोनों ग्रामीणों को भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद विश्वनाथ पासवान को सदर अस्पताल गढ़वा रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

पुलिस से भी भिड़ गए थे ग्रामीण

मारपीट की सूचना पाकर बुका गांव पहुंची पुलिस से भी ग्रामीण भिड़ गए. हालांकि पुलिस दोनों को ग्रामीणों से मुक्त कराकर अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रही. बताय जाता है कि दोनों को बचाने पर भड़के ग्रामीण पुलिसकर्मियों से हाथापाई पर भी उतारू हो गए थे.

मरने से पहले पीड़ित ने दिया था बयान

मरने से पूर्व विश्वनाथ पासवान ने थाने में आवेदन देकर कहा था कि गांव के अनिल यादव उसे अपने घर बुलाकर ले गए थे. वह अपने मित्र अदालत सिंह के साथ उनके घर गए थे. आरोप है कि अनिल यादव उन्हें ओझा गुनी बताकर गाली-गलौज करने लगे. आरोप है कि उसके बाद विजय यादव, श्यामसुंदर राउत, अर्जुन राउत, सबित देवी, पूजा कुमारी, अनिल यादव, आशीष यादव, नीतीश सिंह ने मिलकर उन्हें रस्सी से बांध दिया और बेरहमी से जान से मारने की नीयत से डंडे से पिटाई कर दी. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.

गढ़वा: जिले के भवनाथपुर थाने के बुका गांव में ओझा बताकर दो ग्रामीणों को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. इसमें घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को हिरासत में लिया है.

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पुलिस के मुताबिक, भवनाथपुर थाने के बुका गांव के पनियारी टोला के दलित विश्वनाथ पासवान और आदिवासी अदालत सिंह को गांव के लोगों ने पकड़कर रस्सी से बांध दिया. इस दौरान लोगों ने दोनों को ओझा-गुनी बताकर रस्सी में बांधा और बेरहमी से पीटा. इस पिटाई में दोनों बुरी तरह घायल हो गए. बाद में दोनों ग्रामीणों को भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद विश्वनाथ पासवान को सदर अस्पताल गढ़वा रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

पुलिस से भी भिड़ गए थे ग्रामीण

मारपीट की सूचना पाकर बुका गांव पहुंची पुलिस से भी ग्रामीण भिड़ गए. हालांकि पुलिस दोनों को ग्रामीणों से मुक्त कराकर अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रही. बताय जाता है कि दोनों को बचाने पर भड़के ग्रामीण पुलिसकर्मियों से हाथापाई पर भी उतारू हो गए थे.

मरने से पहले पीड़ित ने दिया था बयान

मरने से पूर्व विश्वनाथ पासवान ने थाने में आवेदन देकर कहा था कि गांव के अनिल यादव उसे अपने घर बुलाकर ले गए थे. वह अपने मित्र अदालत सिंह के साथ उनके घर गए थे. आरोप है कि अनिल यादव उन्हें ओझा गुनी बताकर गाली-गलौज करने लगे. आरोप है कि उसके बाद विजय यादव, श्यामसुंदर राउत, अर्जुन राउत, सबित देवी, पूजा कुमारी, अनिल यादव, आशीष यादव, नीतीश सिंह ने मिलकर उन्हें रस्सी से बांध दिया और बेरहमी से जान से मारने की नीयत से डंडे से पिटाई कर दी. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.

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