गढ़वा: जिले में 24 घंटे के अंदर बिना इलाज किये चार कोरोना पॉजिटिव लोगों की रिपोर्ट निगेटिव मिली. वहीं निगेटिव रिपोर्ट प्राप्त एक कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसा हो सकता है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. इसी तरह खरौंधी प्रखंड प्रमुख को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया गया था, जिन्होंने अपना सैंपल जांच के लिए दिया ही नहीं था.
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स्वास्थ्य विभाग ने बिना सैंपल जांच के ही 17 जुलाई को खरौंधी प्रखंड के प्रमुख धर्मराज को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया था. उसी लिस्ट में खरौंधी अंचल के प्रधान सहायक राजन द्विवेदी, ब्लॉक के कर्मचारी सचेत पासवान, रोजगार सेवक धर्मेंद्र कुमार और लेखा लिपिक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर सत्येंद्र सिन्हा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. अनुसेवक शशिभूषण यादव की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी. उपरोक्त सभी का सैंपल 15 जुलाई को भवनाथपुर अस्पताल में लिया गया था. जिसकी जांच रिम्स में करायी गई थी.
पॉजिटिव पाए गए चारों कर्मचारियों की रिपोर्ट निगेटिव
18 जुलाई को नगर उंटारी एसडीओ कमलेश्वर नारायण ने पहल करते हुए खरौंधी प्रखंड के उक्त पांचों कर्मचारी सहित आठ लोगों को नगर उंटारी अनुमंडलीय अस्पताल में बुलवाया. उनका स्वैब जांच ट्रूनेट मशीन से कराई गई. जिसमें उक्त पांचों की रिपोर्ट विपरीत पायी गई. पॉजिटिव पाए गए चारों कर्मचारियों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. अनुसेवक शशिभूषण यादव की रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गई. शेष लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है.
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इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. एनके रजक ने कहा कि इसमें कोई चूक नहीं हुई है. ऐसा हो सकता है कि पॉजिटिव रिपोर्ट 3-4 दिन में निगेटिव हो जाए. सवाल यह है कि ऐसे कितने लोग हैं जिनकी दूसरी कोरोना जांच पहली रिपोर्ट आने के 24 घंटे के अंदर करा ली जाती है. वहीं नगर उंटारी के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने कहा कि कर्मचारियों के रिक्वेस्ट पर उनकी दुबारा जांच करायी गयी थी.