गढ़वाः जिले में गरीब अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा के स्तर को उन्नत बनाने के लिए दी जाने वाली नेशनल स्कॉलरशिप में बड़े पैमाने पर घोटाला कर लेने का मामला उजागर हुआ है. जिले के 39 विद्यालयों में 4 करोड़ से अधिक राशि का फर्जीवाड़ा करने का अनुमान है. जिला प्रशासन ने इस बड़े घोटाले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है.
छठ पूजा बाद त्वरित गति से इसकी जांच होगी. दोषियों को चिन्हित किया जाएगा और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दें कि जिले के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को सरकार स्कॉलरशिप देती है.
इसके लिए जिला कल्याण विभाग विद्यालयों का केवाईसी करता है और उसे नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल का आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराता है. उसी पोर्टल पर स्कॉलरशिप की योग्यता रखने वाले बच्चों को रजिस्टर्ड किया जाता है. सम्बंधित विद्यालय में इस कार्य के लिए बनाए गए नोडल पदाधिकारी छात्रवृत्ति से सम्बंधित दस्तावेजों की वेरिफाई करते हैं.
उसके बाद इसे जिला कल्याण पदाधिकारी के लिंक पर शेयर करते हैं. उसके बाद जिला, राज्य एवं अन्य कई स्तरों पर इसे चेक किया जाता है.उसके बाद बच्चों के खाता में राशि डाल दी जाती है. डंडई प्रखण्ड में हुआ घोटाले का खुलासा कुछ दिन पहले जिला कल्याण विभाग के कार्यालय में छात्रवृति के सम्बंधित कुछ चुनिंदा विद्यालयों के छात्रवृत्ति नोडल ओदधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी.
जिसमें गलती से पैराडाइज पब्लिक स्कूल मझिआंव के बजाय डंडई के प्रतिनिधि को सूचना दे दी गयी, जबकि पैराडाइज पब्लिक स्कूल डंडई सरकार की छात्रवृत्ति स्कीम से जुड़ा नहीं था. इस विद्यालय के प्रतिनिधि को बैठक में डंडई प्रखण्ड से जुड़े छात्रवृत्ति का दस्तावेज दिया गया एवं कहा गया कि इसमें अपने विद्यालय से जुड़े आंकड़ा को चेक कर लें.
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जिस बच्चे को पैसा नहीं मिला है उसका नाम अंकित कर दें. उक्त विद्यालय प्रतिनिधि को डंडई के मात्र तीन विद्यालयों होली फेथ पब्लिक स्कूल डंडई, ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिक स्कूल जरही और अंत्योदय आदिवासी उच्च विद्यालय के 466 अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं का नाम मिला.
जिसमें प्रति बच्चा को 10,700 रुपये का छात्रवृति भुगतान को जिक्र था. महज तीन विद्यालयों में लगभग 50 लाख रुपये का छात्रवृति के रूप में भुगतान की चर्चा खास बन गयी.
विद्यालय प्रधानों ने किया छात्रवृति मिलने से इंकार
उधर ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के प्राचार्य चंदन कुमार से इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके विद्यालय में मात्र तीन अल्पसंख्यक बच्चे पढ़ते हैं. उन्होंने छात्रवृति के लिए कोई आवेदन नहीं किया था, लेकिन उनके स्कूल के नाम पर 141 बाहरी बच्चों को छात्रवृत्ति दिया गया है.
वहीं होली फेथ पब्लिक स्कूल के प्राचार्य विवेक कुमार ने कहा कि उनके विद्यालय में 15 अल्पसंख्यक बच्चे हैं. किसी को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. उनके विद्यालय के नाम से बाहरी 177 बच्चों को छात्रवृत्ति दी गयी है.
39 विद्यालयों में होगी जांच
छात्रवृत्ति घोटाले का मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन के कान खड़े हो गए. जिला कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया. जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार ने कहा कि इस तरह के मामले 39 विद्यालयों में हुए हैं. उन विद्यालयों में जांच के लिये सम्बंधित प्रखंड के बीडीओ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया है. टीम में बीपीओ और बीइइओ को भी शामिल किया गया है.