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गढ़वा: माओवादी संगठन की 2 युवतियों ने किया सरेंडर - गढ़वा में लड़कियां

नक्सली संगठन माओवादी से जुड़ी 2 युवतियों ने पुलिस और सीआरपीएफ पदाधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है. दोनों युवतियां माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. प्रलोभन देकर संगठन में शामिल करायी गयी युवतियों को माओवादी संगठन की असलियत पता चलने लगी थी.

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माओवादी संगठन की 2 युवतियों ने किया सरेंडर
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Published : Jun 3, 2021, 9:36 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 10:58 PM IST

गढ़वा: जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र में सक्रिय प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी से जुड़ी 2 युवतियों ने पुलिस और सीआरपीएफ पदाधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का निर्णय लिया है. पुलिस ने दोनों को सम्मानित किया और उन्हें जरूरत का समान उपलब्ध कराया.

देखें पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, दोनों युवतियां माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. प्रलोभन देकर संगठन में शामिल करायी गयी युवतियों को माओवादी संगठन की असलियत पता चलने लगी थी. हालांकि वो वहां से निकल नहीं पा रही थीं. नक्सली उन्हें धमकी देकर संगठन के साथ रहने का दबाव बना रहे थे. इसकी जानकारी क्षेत्र में कार्यरत सीआरपीएफ को मिली. सीआरपीएफ और गढ़वा पुलिस के प्रयास से दोनों लड़कियों को वहां से बाहर निकाला गया.दिया गया कॉपी-किताब और सिलाई मशीनसमाज के मुख्यधारा से जुड़ी लड़कियों को पढ़ाई और रोजगार के लिए कॉपी-किताब और सिलाई मशीन दिया गया. वहीं, उनके परिजनों को गैस चूल्हा और कपड़े दिए गए. एसपी श्रीकांत एस खोटरे ने कहा कि सरकार की नई पहल प्रयास पुनर्वास योजना के तहत समाज की मुख्यधारा से जुड़ी दोनों लड़कियों को सहायता प्रदान किया जाएगा. पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी रोजगार की व्यवस्था सरकार देगी. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है. एसपी ने भटके युवकों को भी समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने की अपील की. वही सीआरपीएफ 172 बटालियन के कमांडेंट आशीष कुमार झा ने कहा कि माओवादी संगठन से वापस लौटी लड़कियां राष्ट्र निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी.

गढ़वा: जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र में सक्रिय प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी से जुड़ी 2 युवतियों ने पुलिस और सीआरपीएफ पदाधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का निर्णय लिया है. पुलिस ने दोनों को सम्मानित किया और उन्हें जरूरत का समान उपलब्ध कराया.

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जानकारी के अनुसार, दोनों युवतियां माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. प्रलोभन देकर संगठन में शामिल करायी गयी युवतियों को माओवादी संगठन की असलियत पता चलने लगी थी. हालांकि वो वहां से निकल नहीं पा रही थीं. नक्सली उन्हें धमकी देकर संगठन के साथ रहने का दबाव बना रहे थे. इसकी जानकारी क्षेत्र में कार्यरत सीआरपीएफ को मिली. सीआरपीएफ और गढ़वा पुलिस के प्रयास से दोनों लड़कियों को वहां से बाहर निकाला गया.दिया गया कॉपी-किताब और सिलाई मशीनसमाज के मुख्यधारा से जुड़ी लड़कियों को पढ़ाई और रोजगार के लिए कॉपी-किताब और सिलाई मशीन दिया गया. वहीं, उनके परिजनों को गैस चूल्हा और कपड़े दिए गए. एसपी श्रीकांत एस खोटरे ने कहा कि सरकार की नई पहल प्रयास पुनर्वास योजना के तहत समाज की मुख्यधारा से जुड़ी दोनों लड़कियों को सहायता प्रदान किया जाएगा. पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी रोजगार की व्यवस्था सरकार देगी. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है. एसपी ने भटके युवकों को भी समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने की अपील की. वही सीआरपीएफ 172 बटालियन के कमांडेंट आशीष कुमार झा ने कहा कि माओवादी संगठन से वापस लौटी लड़कियां राष्ट्र निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी.
Last Updated : Jun 3, 2021, 10:58 PM IST
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