जमशेदपुरः रेल के माध्यम से मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल को कानूनी जानकारी के लिए टाटानगर में कार्यशाला का आयोजन (Workshop regarding human trafficking) किया गया. टाटानगर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने बताया कि भारतीय रेल के प्रमुख स्टेशन पर बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है. जिससे मानव तस्करी को रोका जा सके.
जमशेदपुर टाटानगर रेलवे स्टेशन के आरपीएफ सभागार में बाल तस्करी को रोकने के लिए और मिशन वात्सल्य को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी, पैनल लॉयर, आरपीएफ के असिस्टेंट सिक्युरिटी कमिश्नर केसी नायक, टाटानगर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एस के तिवारी के अलावा आरपीएफ के जवान मौजूद रहे.
इस कार्यशाला में यह बताया गया कि ट्रैफिकिंग का सबसे सुगम रास्ता रेल मार्ग बन गया है, जो आरपीएफ के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे मामले सामने आने पर आरपीएफ के अधिकारियों एवं जवानों को गहराई से पूछताछ एवं छानबीन करने की जरूरत है. जिससे तस्करी करने वाले को पकड़ा जा सके और बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके. इस कार्यशाला में रेस्क्यू किए जाने के दौरान आने वाली परेशानियों से अवगत कराया और उसके समाधान की जानकारी दी गयी.
कार्यशाला में जमशेदपुर सिविल कोर्ट की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि गरीबी अशिक्षा इसका मुख्य कारण है, जिसका फायदा उठाकर झारखंड के अलग-अलग क्षेत्र से बच्चों की तस्करी की जाती है. इस संबंध में जानकारी देते हुए टाटानगर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एसके तिवारी ने बचपन बचाओ के संथापक कैलाश सत्यार्थी और रेलवे मिनिस्ट्री आरपीएफ के बीच हुए एएमयू हुआ है. जिसके तहत मानव तस्करी को रोकने और मिशन वात्सल्य के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशन में आरपीएफ की स्पेशल टीम का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में जुविनाइल जस्टिस एक्ट और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अंतर्गत जो भी कानून की धाराएं है विस्तृत रुप से उसकी जानकारी दी गई है. पोस्ट प्रभारी ने बताया कि झारखंड में गरीबी और अशिक्षा इसका प्रमुख कारण है जिसे रोकने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी सामने आना होगा. उन्होंने बताया कि मानव तस्करी रोकने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे के चारो डिविजन में ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया गया है.