जमशेदपुरः उलीडीह में बैंक आफ इंडिया में डकैती के तार बिहार से जुड़े हुए थे. इस मामले में पुलिस की टीम ने डकैती का मास्टरमाइंड को शिकंजे में लिया (Ulidih bank robbery accused arrested in Jamshedpur) है. इसके अलावा उसकी पत्नी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के पटना जिला के बाढ़ थाना क्षेत्र निवासी मास्टरमाइंड राजीव रंजन कुमार उर्फ पप्पू उर्फ मुन्ना उर्फ अमित सिंह उर्फ मैनेजर, उसकी पत्नी निभा कुमारी, जहानाबाद निवासी धर्मेंद्र कुमार, रांची डोरंडा निवासी नीरज बराइली और जहानाबाद निवासी प्रमोद बिंद उर्फ संतोष शामिल है. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देसी पिस्टल, तीन देसी कट्टा, 52 गोली, 26 चांदी का सिक्का 30 हजार 100 रुपया नकद और घटना में इस्तेमाल 2 बाइक भी बरामद की है.
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नेपाल भागने की तैयारी में थे आरोपीः जमशेदपुर एसएसपी ने बताया कि उलीडीह बैंक डकैती (criminals arrested in Jamshedpur) को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी कोलकाता की ओर भागे थे, जहां सभी अलग अलग होकर नेपाल भाग गए थे. मामला शांत होने के बाद सभी दुर्गापूजा में वापस पटना आ गए. छापेमारी के दौरान पहले प्रमोद और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद पप्पू सिंह उसकी पत्नी निभा और नीरज की गिरफ्तारी हुई. महिला के पास से ही डकैती का सामान बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद उस पैसे को रियल स्टेट के अलावा अन्य जगह इन्वेस्ट किया जाता था, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. फिलहाल सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि डकैती कांड में अभी चार सदस्यों की और गिरफ्तारी की जानी है. सभी को आरोपियों को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वो लोग देश छोड़कर नेपाल जाने की फिराफ में थे. बताया कि इस गिरोह में अब तक की जानकारी में यह पता चला कि 100 से अधिक सदस्य इसमें काम करते हैं. गिरोह के पूरे नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
1995 से चल रहा है गैगः एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड राजीव रंजन उर्फ पप्पू है. वह ये गैंग 1995 से संचालित कर रहा था. वह चार साल पहले पटना जेल से भागने का भी आरोपी है, तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. उन्होंने बताया कि 27 साल से यह गैंग एक ही तरीके से घटना को अंजाम देते आ रहे हैं. यह गैंग राजस्थान, ओडिशा, बिहार और झारखंड के अलावा कई राज्यों में डकैती की घटना को अंजाम दे चुका है. गैंग अपने साथ एक कंटेनर लेकर चलता है, जिसमें मोडिफिकेशन करते हुए गुप्त बॉक्स बनाया गया है, उसी में हथियार छुपाकर रखा जाता था.
बेउर जेल में बंद डकैत के लिए कोर्ट से मांगा प्रोटेक्शनः एसएसपी ने बताया कि बेउर जेल में बंद डकैती कांड के एक आरोपी को प्रोटेक्शन पर शहर लाया जाएगा, इसके लिए कोर्ट को पुलिस ने अर्जी की है. उससे पूछताछ के बाद और भी अहम सुराग बैंक डकैती से जुड़े होने की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश रहेगी. एसएसपी ने यह भी जानकारी दी कि धनबाद बैंक डकैती करने आए अपराधियों में एक सदस्य इस गैंग का ही था.
ये है मामलाः 18 अगस्त को अपराधियों ने उलीडीह थाना क्षेत्र के उलीडीह स्थित बैंक ऑफ इंडिया में डकैती की घटना को अंजाम दिया था. डकैतों ने बैंक से 33 लाख 68 हजार 890 रुपए नकद और 41 सील बंद पैकेट में 2324.76 ग्राम सोने के जेवरात लूट लिए थे. इन गहनों का मूल्य एक करोड़ 12 लाख 11 हजार 868 रुपया है. अपराधियों ने बैंक डकैती के साथ ही बिष्टुपुर के छगनलाल ज्वेलर्स के कर्मचारी से बिष्टुपुर के एक बैंक के गेट से 14 फरवरी को 32 लाख रुपए की लूट की घटना को भी अंजाम दिया था.